. ऐसा लगता है कि कर्नाटक (Karnataka) एक और आंदोलन की ओर बढ़ रहा है. दरअसल लिंगायत समुदाय (Lingayat) द्वारा एक बार फिर बेहतर आरक्षण की मांग की जा रही है. यह बीजेपी (BJP) का प्राथमिक वोटबैंक है और यह मांग छह महीने बाद फिर की जा रही है. लिंगायत समुदाय के पंचमसाली उप संप्रदाय के संत, जो सभी लिंगायतों का लगभग 70 फीसदी हिस्सा है, सरकार पर 2ए ओबीसी कोटे के तहत आरक्षण के लिए दबाव बनाने के लिए एक महीने का अभियान शुरू कर रहा है.
हालांकि इस बार के प्रदर्शन में एक ट्विस्ट है. आंदोलन का नेतृत्व करने वाले संतों में से एक ने पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येडियुरप्पा के बेटे बीवाई विजयेंद्र पर उनके पिता को गुमराह करने के लिए निशाना साधा है. इस प्रकार सरकार को 2ए आरक्षण को स्वीकार प्रदान करने में देरी हुई.
अब 26 अगस्त से 30 सितंबर तक ‘प्रतिज्ञा पंचायत’ अभियान चलाया जाएगा, जिसमें बगलकोट जिले के कुडाला संगम में मुख्य पंचमसाली मठ के संतों के साथ राज्य भर के तालुक मुख्यालयों में ‘जागरूकता शिविर’ आयोजित किए जाएंगे, ताकि समुदाय को एक साथ लाया जा सके और सरकार पर दबाव डाला जा सके और आरक्षण की मांग पर वो ध्यान दे.