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बलौदाबाजार जिला में कुष्ठ रोग के हैं 232 मरीज, हो रहा निःशुल्क इलाज, बिलाईगढ़ में केस की अधिकता पर मुम्बई के वैज्ञानिकों द्वारा रिसर्च…

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बलौदाबाजार, 25 अगस्त 2021। मेरूवाणी डाॅट इन…

जिले में कुष्ठ रोग की स्थिति विशेषकर विकासखंड बिलाईगढ़ में इसकी अधिकता को देखते हुए मुंबई के इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीरएमआर) के वैज्ञानिकों ने अनुसंधान शुरू किया है । मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ खेमराज सोनवानी ने इस संबंध में बताया कि आई सी एम आर के वैज्ञानिक डॉक्टर रितिका एम यादव एवं डायरेक्टर डॉक्टर मनीषा मदेकर द्वारा विकासखंड बिलाईगढ़ के कुष्ठ की अधिकता वाले गाँवों में भ्रमण कर वहां की स्थिति का जायजा लिया गया।

राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के जिला नोडल अधिकारी डॉ एफ आर निराला ने बताया कि मौजूदा समय में जिले में कुल 232 कुष्ठ के मरीज इलाजरत हैं। जिसमें से 82 अकेले बिलाईगढ़ ब्लॉक के गांवों से हैं। इस प्रकार कुल केस का 35 प्रतिशत मरीज केवल इसी ब्लॉक के विभिन्न ग्रामों से हैं । यहाँ कुछ गाँवो के कुछ परिवार ऐसे भी हैं जिनके सभी सदस्यों को कुष्ठ का संक्रमण है । ऐसी स्थिति में इसके पीछे कहीं कोई आनुवंशिक कारण तो नहीं है यह अनुसंधान करने हेतु वैज्ञानिको द्वारा इस क्षेत्र में भ्रमण कर एवं रक्त के नमूने लेकर उसे मुम्बई भेजा गया है ।

नोडल अधिकारी ने बताया कि इसके साथ ही ब्लॉक में भ्रमण के दौरान आई आर एल रायपुर के डॉक्टर काम्बले द्वारा ऐसे 9 मरीजों को चिन्हित किया गया जिनकी विकलांगता का रायपुर में आर. सी. एफ. आपरेशन होगा जिसके माध्यम से उनके हाथ और पैरों की विकृति को आपरेशन के द्वारा ठीक किया जाएगा । डॉक्टर निराला ने बताया कि कुष्ठ के संक्रमण के आधार पर रोग को दो स्थितियों में बांटा जाता है । शरीर मे जब एक से पांच की संख्या में दाग हो एवं एक नर्व प्रभावित हो तो इसे पी बी (पोसिबेसिलाई) कहा जाता है जबकि यदि दाग की संख्या 5 से अधिक और नर्व की संख्या एक से अधिक हो तो इसे एमबी (मल्टी बेसिलाई) कहा जाता है ।
जिले में कुष्ठ की पहचान करने के लिए सर्वे भी किया जा रहा है । 1500 की आबादी पर दो सदस्यीय टीम बनाई गई है जो घर-घर भ्रमण कर शंकाप्रद मरीजों को चिन्हित कर उन्हें नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र भेज रही है । कुष्ठ का कोई भी मरीज एम डी टी की दवा खा के बीमारी से मुक्त हो सकता है जो कि शासकीय अस्पतालों में मुफ्त में उपलब्ध है । वैज्ञानिकों की टीम के साथ नोडल अधिकारी डॉ एफ आर निराला के अतिरिक्त बी एम ओ राजेश प्रधान एवं कुष्ठ शाखा से देवेंद्र पटेल उपस्थित थे।