पेगासस जासूसी मामले (Pegasus Issue) में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने केंद्र सरकार (Centre Government) को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है कि मामले में कोई निष्पक्ष जांच होनी चाहिए या नहीं? सरकार के हलफनामे से असंतुष्ट होकर कोर्ट ने केंद्र को नोटिस जारी किया है. जांच किस तरह से होगी और कौन करेगा ये बाद में तय होगा.
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा था कि पेगासस जासूसी मामले में सरकार का क्या पक्ष है. केंद्र सरकार ने हलफनामा दाखिल कर कहा था कि भारत में बिना नियमों का पालन किए हुए कोई सर्विलांस नहीं होता है. साथ ही सरकार अपनी कमिटी बना कर इस मामले में जांच कराने को तैयार है.
लेकिन सुप्रीम कोर्ट इस जवाब से संतुष्ट नहीं था. कोर्ट ने सोमवार को सरकार से कहा था कि केंद्र को एक विस्तृत हलफनामा दाखिल कर बताना चाहिए कि पेगासस सॉफ्टवेयर के जरिए किसी की जासूसी हुई है या नहीं, और अगर हुई है तो उसमें नियमों का पालन हुआ है या नहीं?
मंगलवार को हुई सुनवाई में केंद्र सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि सरकार इससे ज्यादा कुछ नहीं कह सकती, क्योंकि ये राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है. इस जवाब से असंतुष्ट सुप्रीम कोर्ट ने फिर केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा कि क्यों नहीं इस मामले में निष्पक्ष जांच कराई जाए.
बता दें कि कई याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा है कि 122 भारतीय नागरिकों के खिलाफ पेगासस सॉफ्टवेयर के जरिए गैर कानूनी तरीके से जासूसी की गई है. इसलिए इसकी एक निष्पक्ष जांच होनी चाहिए.
मंगलवार को हुई सुनवाई में केंद्र सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि सरकार इससे ज्यादा कुछ नहीं कह सकती, क्योंकि ये राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है. इस जवाब से असंतुष्ट सुप्रीम कोर्ट ने फिर केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा कि क्यों नहीं इस मामले में निष्पक्ष जांच कराई जाए.
बता दें कि कई याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा है कि 122 भारतीय नागरिकों के खिलाफ पेगासस सॉफ्टवेयर के जरिए गैर कानूनी तरीके से जासूसी की गई है. इसलिए इसकी एक निष्पक्ष जांच होनी चाहिए.