पंजाब और हरियाणा के बीच एक-दूसरे से आगे निकलने की होड़ लगी रहती है. इसका एक नमूना हाल ही में टोक्यो ओलंपिक्स से लौटे भारतीय खिलाड़ियों (Indian Olympians) को इनाम वितरण में देखने को मिला. हालांकि, इस भाई-बहन वाली तकरार के परिणाम भी सुखद रहे हैं और इसके लाभार्थी सभी खिलाड़ी बने. इसके अलावा दोनों राज्यों के बीच भाला फेंक में स्वर्ण पदक जीतने वाले नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) को लेकर भी दावेदारी जोरों पर है.
हरियाणा सरकार की तरफ से अपने खिलाड़ियों को इनाम की राशि की घोषणा के बाद अब पंजाब भी उस राशि की बराबरी करने पर मजबूर हो गया है. ऐसे एक विकट स्थिति तैयार हो गई है. जहां, पुरुष और महिला हॉकी टीम के खिलाड़ी अलग-अलग फायदे हासिल करने के लिए खड़े हैं. यह भी इस बात पर निर्भर करता है कि वे पंजाब से हैं या हरियाणा से.
इसका नमूना: 5 अगस्त को हरियाणा सरकार ने अपने खेल नीति के अनुसार, अपने राज्य के पुरुष हॉकी टीम के दो सदस्यों को ढाई-ढाई करोड़ रुपये देने की घोषणा की. उन्हें नौकरी की भी पेशकश की की गई. उसी दिन पंजाब सरकार ने उसी हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह समेत राज्य के दस खिलाड़ियों को केवल 1-1 करोड़ रुपये देने का ऐलान किया.
इधर, हरियाणा ने 6 अगस्त को खेल नीति से हटकर महिला हॉकी टीम की राज्य की 9 खिलाड़ियों को 50 लाख रुपये की घोषणा कर दी. अब तक मेडल नहीं जीतने वालों को हरियाणा में 15 लाख रुपये के अलावा कोई नगद इनाम नहीं मिलता था. टीम ओलंपिक्स में चौथे स्थान पर रही. अब, कप्तान रानी रामपाल समेत हरियाणा के हॉकी टीम के सभी सदस्यों को 65 लाख रुपये मिलेंगे. वहीं, पंजाब की तरफ से अपने दो हॉकी खिलाड़ियों के लिए कोई घोषणा नहीं की गई है. इनमें स्ट्राइकर गुरजीत कौर का नाम भी शामिल है.