रामानुजगंज ! छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग ने गौरव कुमार दुबे वार्ड क्रमांक 08 रामानुजगंज के आवेदन पर सुनवाई करते हुए मरमा के पूर्व सचिव रमेश कुमार पोया जन सूचना अधिकारी को जानकारी नहीं देने के कारण आवेदक के मानसिक क्षति के रूप में दो अलग अलग मामले में 300-300 रुपए का जुर्माना लगाया है। राज्य सूचना आयोग के अनुसार अपीलार्थी द्वारा दो अलग-अलग विषय पर सूचना अधिकार के तहत जानकारी मांगी गयी थी समय सीमा ख़त्म होने के बाद प्रथम अपीलीय अधिकारी जनपद सीईओ के पास 06-06-2018 को प्रथम अपील की गयी थी। प्रथम अपीलीय अधिकारी के द्वारा निर्णय नहीं देने के कारण आयोग के समक्ष 07-08-2018 को प्रस्तुत किया गया था। सूचना पत्र के परिप्रेक्ष्य में मरमा ग्राम पंचायत सचिव द्वारा 24-09-2020 को सुनवाई के समय क्रमश: 26-12-2019 को 242 पेज एवं 132 पेज में जानकारी गौरव दुबे को दे दिया हूँ। नियम के अनुसार इसकी एक प्रति राज्य सूचना आयोग को भी देना था परन्तु अज्ञानतावश आयोग में दी गयी जानकारी की प्रति नहीं दे पाया इसको संज्ञान में लेते हुए अपने आदेश में लिखा वांछित जानकारी प्रदान करने में विलंब होने के कारण अपीलार्थी को प्रथम अपील एवं द्वितीय अपील दायर करनी पड़ी, जिससे अपीलार्थी को हुयी मानसिक एवं आर्थिक क्षति हेतु लोक प्राधिकारी, मुख्य कार्यपालन अधीकारी, जनपद पंचायत, रामचन्द्रपुर जिला बलरामपुर-रामानुजगंज (छ.ग.) को निर्देशित किया जाता है की आदेश प्राप्ति के 30 दिवस के भीतर सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 19(8)(ख) के तहत अपीलार्थी को 300/- (तीन सौ रुपये) की क्षतिपूर्ति प्रदान की जावे तथा विलंब के लिए दोषी श्री रमेश कुमार पोया, सचिव एवं जन सूचना अधिकारी, ग्रामपंचायत मरमा जिला बलरामपुर-रामानुजगंज (छ.ग.) से उक्त राशि की वसूली कराकर कोष में जमा की जावे साथ ही भविष्य के लिए सचेत भी किया जाता है कि प्राप्त होने वाले जनसूचना आवेदन पत्रों का समयावधि में निराकरण करेंगे अन्यथा सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 20(1) एवं 20(2) के तहत कार्यवाही की जा सकेगी। इसके साथ ही मुख्य कार्यपालन अधिकारी (लोक प्राधिकारी) जिला पंचायत बलरामपुर जिला बलरामपुर-रामानुजगंज (छ.ग.) के माध्यम से प्रथम अपीलीय अधिकारी एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत, रामचन्द्रपुर जिला बलरामपुर-रामानुजगंज (छ.ग.) को भविष्य के लिए निर्देश जारी किया जावे की सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 19(6) के तहत प्रथम अपीलीय अधिकार प्राप्त प्रथम अपील आवेदन का निराकरण करेंगे अन्यथा उनके विरूद्ध सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 20(2) के तहत अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी।