बरौदा. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस विधायक बृहस्पति सिंह द्वारा अपनी ही सरकार के मंत्री टीएस सिंहदेव से जान के खतरे का आरोप लगाने के बाद प्रदेश की सियासत में हलचलें तेज हो गई हैं. कांग्रेस में डैमेज कंट्रोल की कोशिशें जारी हैं. कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया आज शाम 4:00 बजे दिल्ली के लिए रवाना होने वाले थे, लेकिन वे अचानक फ्लाइट छोड़कर सीधे विधानसभा पहुंच गए और यहां मंत्री टीएस सिंहदेव और विधायक बृहस्पति सिंह से अलग-अलग चर्चा की.
सीएम के कमरे में बातचीत
विधानसभा में गुफ्तगू करने के लिए मुख्यमंत्री कक्ष में पहले विधायक बृहस्पति सिंह और चिंतामणि महाराज को बुलाया गया. इस चर्चा के दौरान प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया, प्रभारी सचिव चंदन यादव और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी शामिल हुए. कुछ देर बाद चर्चा के लिए मंत्री टीएस सिंहदेव को भी बुलाया गया, लेकिन सिंहदेव के भीतर जाने से पहले ही सीएम भूपेश बघेल कमरे से बाहर निकल गए और फिर पीएल पुनिया की चर्चा करीब 23 मिनट तक टीएस सिंहदेव से चली. इस बीच कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक सत्यनारायण शर्मा भी भीतर गए, लेकिन कुछ ही देर बाद शर्मा कमरे से बाहर निकल गए.
मैं बहरा हूं : सत्यनारायण शर्मा
इस पूरे घटनाक्रम पर नजर रख रहे मीडिया ने शर्मा से मामले को लेकर जानकारी चाही तो उन्होंने दो टूक कह दिया कि ‘मैं बहरा हूं’. इससे यह साफ है कि कांग्रेस में चल रही इस अंदरूनी कलह और घटनाक्रम को लेकर पार्टी का कोई भी मंत्री विधायक या नेता कुछ भी कहने से बच रहा है.
पीएल पुनिया ने कहा – खत्म हुआ मामला
इस मामले में पीएल पुनिया ने दो टूक कहा कि यह मामला खत्म हो चुका है. सभी से मुलाकात करने आया था और चर्चा हुई है.
विधानसभा में भी गूंजा मामला
बृहस्पति सिंह के द्वारा मंत्री टीएस सिंहदेव पर लगाए गए आरोपों की गूंज आज विधानसभा के मॉनसून सत्र के दौरान सदन में भी सुनाई दी. इस पूरे घटनाक्रम ने विपक्ष को बैठे-बिठाए बड़ा मुद्दा दे दिया और इस मामले में बीजेपी ने जमकर हंगामा किया और मामले की जांच विधानसभा की समिति से करवाए जाने की मांग पर अड़े रहे. बीजेपी की ओर से अजय चंद्राकर, बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि इस मामले में दोनों पक्ष सदन के सदस्य हैं. अध्यक्ष इस पर निर्देशित करें कि सदन की समिति जाँच करे. नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि राजनैतिक इतिहास में यह ऐसी पहली घटना है. यह कांग्रेस ही नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है. इसमें सरकार की ओर से कथन आना था. ऐसी घटना में सूक्ष्म जांच होनी चाहिए. किसके आश्रय में जनप्रतिनिधि यहां आकर अपनी बात कहेंगे.
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने सदन में कहा कि विधानसभा अध्यक्ष विधानसभा समिति से जांच कराएं. हमारे विधायक की जान को खतरा है. यह संगीन मामला है. दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए. यदि मंत्री ने किया है तो जवाबदेही तय हो और यदि ऐसा नहीं है तो कौन है इसके पीछे, यह तय हो. हालांकि इस मसले पर विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने विधायकों और दोनों पक्षों के बयान कल कराने की बात कहीं, जिस पर विपक्ष ने भी स्वीकार किया और अब कयास ही लगाए जा रहे हैं कि कल सदन में फिर इस मसले को लेकर हंगामा हो सकता है.