Home छत्तीसगढ़ आपातकाल की बरसी पर भाजपाइयों ने कांग्रेस सरकार को जमकर कोसा

आपातकाल की बरसी पर भाजपाइयों ने कांग्रेस सरकार को जमकर कोसा

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25 जून का दिन लोकतंत्र के लिए इतिहास का सर्वाधिक काला दिवस का संज्ञा देते हुए भाजपाइयों ने तत्कालीन इंदिरा सरकार को जमकर कोसा।
भाजपा जिला अध्यक्ष ललन प्रताप सिंह के निर्देशन पर जिला भाजपा कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया।
भाजपा बिलासपुर संभाग प्रभारी एवं खादी ग्राम उद्योग बोर्ड के पूर्व चेयरमैन कृष्ण कुमार राय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 कक्का अवधि भारत में आपातकाल के लिए याद किया जाएगा, निरंकुशता का चरम पार करते हुए तत्कालीन इंदिरा सरकार ने चुनाव स्थगित कर दिए , नागरिक अधिकारों को समाप्त कर दिया गया, स्वयं सेवकों और तमाम गैर कांग्रेसी नेताओं की गिरफ्तारी शुरू हो गई तथा उन्हें गंभीर प्रताड़ना का शिकार होना पड़ा, और यह प्रताड़ना का सिलसिला पूरे देश में चला, लाखों लोगों को जेल में डाल दिया गया, अविभाजित मध्यप्रदेश के सारे गैर कांग्रेसी नेता जेल में डाल दिए गए, राष्ट्रपति न्यायपालिका संसद समेत सभी संवैधानिक निकाय निष्प्रभावी कर दिए गए।
लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पत्रकारिता को बुरी तरह कुचला गया, अभिव्यक्ति की आजादी और मीडिया पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया, अखबारों के दफ्तरों में बिजली काट दी गई विज्ञापन बंद कर दिया गया, 327 पत्रकारों को मीसा कानून के तहत जेल में डाल दिया गया।
वर्तमान समय में कांग्रेस शासित और समर्थित राज्यों की स्थिति पर उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में किस तरह से असहमति के कारण एक अभिनेत्री का घर गिरा दिया गया पत्रकारों के साथ कैसा सलूक किया गया पालघर के साधुओं पर सत्य समाचार दिखाने पर पत्रकारों को प्रताड़ना का शिकार होना पड़ा। यह तमाम चीजें एक संयोग नहीं बल्कि प्रयोग और कांग्रेस की मूल वृत्ति है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए भाजपा पिछड़ा वर्ग प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सोनी ने कहा कि लोकतंत्र और आजादी पर हमेशा खतरा बना रहेगा जब तक कांग्रेश कायम है, 1977 में आपातकाल तो खत्म हो गया लेकिन आपातकाल की मनोवृति वाले तत्वों और संगठन आज भी मौजूद हैं।
इस अवसर पर जिला महामंत्री अभिमन्यु गुप्ता, मधुसूदन शुक्ला देवनाथ सिंह पैकरा, प्रशांत त्रिपाठी, संतोष दास विजय व्यापारी ,रूपेश दुबे, संजय सोनी एवं अन्य भाजपा के कार्यकर्ता उपस्थित रहे।