लॉक डाउन में बेरोजगार हुए युवक ने नकली नोट बनाने का काम शुरू किया और इन नोटों को बाजार में खपा भी दिया. युवक ने ये नकली नोट इंटरनेट पर बनाना सीखा. क्राइम ब्रांच ने 2 लाख रुपए से अधिक नकली नोटों के साथ आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. उसने अपना जुर्म भी कबूल कर लिया है.
दरअसल, इंदौर पुलिस को जानकारी मिली थी कि राजरतन काम न होने के बावजूद आलीशान जीवन जी रहा है. पुलिस को इस बात से इसलिए हैरानी हुई, क्योंकि वह पहले से अपराधों की वजह से उसकी नजर में था. पुलिस को पता चला कि वह दिन में घर में रहता है और शाम को सामान खरीदने निकलता है और बड़ी संख्या में खरीदारी करता है. सूचना मिलते ही पुलिस अधिकारी हरकत में आए और उसके घर दबिश दी.
बड़ी मात्रा में मिला कैश
पुलिस जैसे ही उसके घर में घुसी तो वहां बड़ी मात्रा में कैश मिला. 100, 200 और 2 हजार के नोट मिले. पुलिस ने जब पड़ताल की तो उसके घर से नोट छापने की चीजें मिलीं. पुलिस अधिकारियों को मौके से दो लाख 73 हजार रुपए से ज्यादा के नकली नोट मिले. पुलिस ने नकली नोट बरामद कर मौके से कम्प्यूटर, प्रिंटर जब्त कर लिए और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया.
बताया- कैसे बाजार में चलाता था नोट
क्राइम ब्रांच ने आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ की. उसने स्वीकार किया कि उसने ये अवैध काम लॉक डाउन के दौरान ही शुरू किया. वह 12 वीं तक ही पढ़ा है. आरोपी केशरबाग इलाके में स्थित एक क्लब में ट्रेनर का काम करता था. चूंकि, कोरोना संक्रमण की वजह से उसका काम बंद हो गया, तो उसने इंटरनेट से नकली नोट छापना सीख लिया. आरोपी ने कबूल किया कि वह अक्सर शाम के वक़्त घर से निकलता था. सामना और सब्जी लेने जाता था और अक्सर 100 के नोट का ही इस्तेमाल करता था.छोटा नोट होने की वजह से कोई शक नहीं करता था. इसलिए आसानी से नकली नोट बाजार में खप जाते थे.
गिरोह के दूसरे सदस्यों का पता लगा रही पुलिस
पुलिस उसके गिरोह के अन्य सदस्यों के बारे में भी जानकारी जुटा रही है. इंदौर डीआईजी मनीष कपूरिया के मुताबिक क्राइम ब्रांच की एक टीम ने महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है. नकली नोट बनाकर बाजार में खपाने वाले राजरतन तायड़े को गिरफ्तार किया है. उसके कब्जे से 2 लाख से अधिक के नकली नोट बरामद किए गए हैं. उस पर पूर्व में तीन अपराध विभिन्न थानों में दर्ज हैं.