केंद्र सरकार ने असेसमेंट ईयर 2020-21 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करने की समय सीमा बढ़ा दी है. पहले 31 मार्च, 2021 तक आईटीआर दाखिल किया जाना था. अब इसे बढ़ाकर 31 मई किया गया है.
सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) के नए सर्कुलर में कहा गया है कि जिन लोगों ने पिछले फाइनेंशियल ईयर के लिए इनकम टैक्स रिटर्न नहीं भरी है, वे अब इसे 31 मई तक भर सकते हैं. इसके साथ ही अगर किसी से रिटर्न भरने में गलती हुई है तो उन्हें भी इसे रिवाइज्ड टैक्स रिटर्न यानी सुधारने का मौका मिलेगा. यदि किसी टैक्सपेयर से वास्तविक इनकम टैक्स रिटर्न भरने में कोई चूक हुई है तो इसे एक रिवाइज्ड रिटर्न दाखिल कर सुधारा जा सकता है. रिवाइज्ड रिटर्न भरने के दौरान व्यक्ति को वास्तविक रिटर्न के विवरण देने होंगे.
संशोधनों के लिए पर्याप्त दस्तावेज होने चाहिए
इनकम टैक्स रिटर्न भरने वाला प्रत्येक टैक्सपेयर इसमें संशोधन या सुधार कर सकता है. डेलॉयट इंडिया के पार्टनर, सुधाकर सेतुरमन ने बताया, “आमतौर पर रिवाइज्ड टैक्स रिटर्न विभिन्न कारणों से दाखिल की जाती है. इसमें वास्तविक रिटर्न में गलत जानकारी होना या कुछ आंकड़े न देना शामिल होते हैं. टैक्सपेयर के पास संशोधनों के लिए पर्याप्त दस्तावेज होने चाहिए जिससे बाद में टैक्स अधिकारियों के ऑडिट की स्थिति में मुश्किल न हो. संशोधित टैक्स रिटर्न वही व्यक्ति भर सकता है जिसने निर्धारित तिथि के अंदर वास्तविक टैक्स रिटर्न भरी है.”
रिवाइज्ड ITR दाखिल करने का जानें तरीका
टैक्सपेयर को रिवाइज्ड ITR दाखिल करने के लिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के ई-फाइलिंग पोर्टल www.incometaxindiaefiling.gov.in पर जाकर रिवाइज्ड रिटर्न दाखिल करने का विकल्प चुनना होगा. रिवाइज्ड टैक्स रिटर्न भरने की संख्या तय नहीं है लेकिन रिटर्न की स्क्रूटनी असेसमेंट होने के बाद रिवाइज्ड रिटर्न दाखिल नहीं की जा सकती.