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अप्रैल में हुई 120 वसीयत, पहले 1 महीने में 35-40 होती थीं, सीनियर सिटीजन अधिक बनवा रहे वसीयत

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कोरोना संक्रमण के बीच लोग अपने स्वास्थ्य के साथ-साथ संपत्ति के बंटवारे को लेकर भी सजग हो गए हैं। अधिकांश लोगों को डर है कि कहीं कोरोना से कुछ हो गया तो संपत्ति के लिए पारिवारिक झगड़े न हों। वकीलों के ऑफिस में वसीयत के लिए इन्क्वायरी बढ़ गई है। लोग इतने गंभीर हो गए हैं कि वसीयत में भी कोरोना का उल्लेख कर रहे हैं।

जिसमें उल्लेख कर रहे हैं कि अभी मैं स्वस्थ हूं, पर कोरोना हो गया मेरे मरने के बाद परिवारवाले संपत्ति के लिए झगड़ा न करें। एडवोकेट झकी शेख ने बताया कि कोरोना काल में वसीयत की इन्क्वायरी बढ़ गई है। सीनियर सिटीजन ही नहीं बल्कि 40 से 50 वर्ष के युवक भी वसीयत बनवा रहे हैं। जिनका पहले से पारिवारिक झगड़ा चल रहा है वे अपनी मौजूदगी में ही सारा बंटवारा कर देना चाहते हैं। एक ग्राहक ने हॉस्पिटल से मैसेज किया कि वसीयत बनानी है। उसने एक सादे कागज पर पूरी जानकारी भेज दी।

पत्नी के नाम बीमार पति की वसीयत
एडवाेकेट प्रीति जोषी ने बताया कि कोरोना काल में अधिक वसीयत बन रहे हैं। क्योंकि लोगों को जीवन का कोई भरोसा नहीं है। एक बीमार व्यक्ति ने तुरंत वसीयत बनाने के लिए कहा। मैंने उसकी इच्छा के अनुसार वसीयत तैयार की। संतान होने के बावजूद पति ने अपनी सारी संपत्ति पत्नी के नाम कर दी।

हम सुरक्षित हैं, अब संपत्ति बांटेंगे
लोग वसीयत को लेकर सजग हैं। मैं पहले सालभर में 20 से 25 बनाता था, अब 3 महीने में ही बना दिया। तीन ग्राहक वैक्सीन लगवाने के बाद अाए और कहने लगे कि वे संपत्ति बांटना चाहते हैं। बुजुर्ग सबसे अधिक आ रहे हैं। लोग वसीयत की एक कॉपी वकील के पास रख रहे हैं।
-जमीर शेख, वकील

40 से अधिक उम्र के लोग ज्यादा
एडवाेकेट मनीष मेहता ने बताया कि वसीयत बनवाने और पूछताछ करने वालों की संख्या बढ़ गई है। ये कोरोना की वजह से है। लोग सावधानी के तौर पर भी ऐसा कर रहे हैं। रुचिकर बात ये है कि पहले 70 साल से अधिक उम्र के लोग आते थे, अब 40 साल के युवक भी वसीयत बनवा रहे हैं।

50 प्रतिशत इन्क्वॉयरी बढ़ी
शहर के जाने माने वकीलों के आॅफिस में कोरोना से पहले महीने में 40 से 50 वसीयत ही बनते थे। वहीं अप्रैल में ही 120 वसीयत बने। इसके लिए इन्क्वायरी भी 50% बढ़ी है। व्यक्ति खुद भी वसीयत बना सकता है, पर कई बार वह रिकॉर्ड पर नहीं आता है। सिविल प्रैक्टिसनर वकील ज्यादा वसीयत बनाते हैं।

40 साल के लोग भी फोन कर रहे
हम क्रिमिनल प्रैक्टिस करते हैं। कोरोना काल में वसीयत की इन्क्वायरी आ रही है। 40 साल के युवक भी फोन कर रहे हैं। पत्नी और बच्चों के नाम पर वसीयत बनवाना चाहते हैं। हम उनकी इन्क्वायरी सिविल प्रैक्टिस करने वालों को भेेज देते हैं। -विरल मेहता, एडवोकेट

पंजीकृत वसीयत पर ज्यादा जोर
वसीयत की इन्क्वायरी आ रही है। कई लोग सीए से चर्चा करने के बाद वसीयत बनवाते हैं। सादे कागज में भी सब कुछ लिख देते हैं। कानूनी तौर पर रजिस्टर्ड वसीयत जरूरी है। रजिस्ट्रार कार्यालय में इसकी फोटो कॉपी लेकर दस्तावेज की तरह रजिस्टर्ड किया जाता है।
डेनिश चाैकसी, सीए

मुख्य बातें
-70 साल के वरिष्ठ नागरिक जिनके नाम पर एक समय तीन डाइंग मिल थी, पर अब पारिवारिक झगड़ा चल रहा है। इलाके में कोरोना का संक्रमण अधिक होने से वसीयत बनवा रहे हैं। बेटों के साथ झगड़ा चल रहा है।

-65 साल के सीनियर सिटीजन जो पूरी तरह से स्वस्थ हैं, पर खबर पढ़ और सुनकर घबरा गए हैं। वकील ने बताया रोज आ रहे केसों को देखकर वकील को फोन करके सादे कागज पर हाथ से लिखकर संपत्ति का बंटवारा कर देते हैं।