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सांसद, विधायक और कलेक्टर के सारे दावे फेल, लोग पानी के लिए परेशान; युवा कांग्रेस नेता ने किया आमरण अनशन का ऐलान

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छत्तीसगढ के मिनी इंडिया भिलाई की टाउनशिप और पटरी पार क्षेत्र के भिलाई स्टील प्लांट (BSP) आवासों में पीने का साफ पानी तक नहीं मिल पा रहा है। सांसद विजय बघेल का प्रयास, भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव की मॉनिटरिंग और दुर्ग के कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे के द्वारा निरीक्षण का असर BSP प्रबंधन पर पड़ता दिख नहीं रहा है। अब युवा कांग्रेस नेता साफ पानी की आपूर्ति शुरू नहीं होने के चलते जल-सत्याग्रह के माध्यम से आमरण अनशन शुरू करने की तैयारी में है।

BSP का मटमैला पानी
BSP के टाउनशिप और पटरी पार क्षेत्र स्थित आवासों में एक महीने से अधिक समय से पीने का मटमैला पानी आ रहा है। नल से मटमैला पानी आने की शिकायत रहवासी अजय कुमार और नीरज साहू व अन्य लोगों ने शुरू में की तो BSP के नगर सेवा विभाग के अधिकारियों ने पहले तो इससे इंकार कर दिया। लेकिन, दुर्ग सांसद विजय बघेल, भिलाई नगर विधायक देवेन्द्र यादव व युवा कांग्रेस के नेताओं से गंदे पानी की आपूर्ति की शिकायत की तो BSP प्रबंधन ने गंदे पानी की आपूर्ति को ठीक करने का दावा किया। दावा एक महीने से सिर्फ दावा बनकर रह गया है।

सांसद, विधायक और कलेक्टर के दावे में बेअसर
टाउनशिप के क्षेत्रों में पिछले एक माह से भी अधिक समय से मटमैला पानी आने से परेशान टाउनशिप के लोगों का कहना है कि BDP प्रबंधन को कर्मचारी हित, रहवासियों के हित का ध्यान ही नहीं है। लेकिन क्षेत्र के सांसद विजय बघेल का प्रयास, भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव की मानिटरिंग व जिले के कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे के द्वारा निरीक्षण करके हिदायत का असर भी BSP प्रबंधन पर पड़ नहीं रहा है।

कांग्रेसी नेता करेगे जल सत्याग्रह
BSP प्रबंधन के खिलाफ मटमैला पानी को लेकर युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव मोहम्मद शाहिद ने मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने बताया कि कोरोनावायरस के साथ-साथ टाइफायड के मरीज भी बढ़ रहे है। वहीं BSP प्रबंधन एक महीने से ज्यादा का समय बीते जाने के बाद भी अब तक साफ पानी देने में विफल रहा है। जिला प्रशासन केवल खानापूर्ति कर रहा है। अगर 2 से 3 दिनों में टाउनशिप में साफ पानी की आपूर्ति शुरू नहीं हुई, तो जल सत्याग्रह के माध्यम से आमरण अनशन होगा।

‌‌BSP प्रबंधन का दावा
प्रबंधन ने एक बार फिर से वहीं रटारटाया जवाब दिया है कि पानी के मटमैले रंग की समस्या को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। एक हफ्ते के अंदर इस समस्या को दूर कर लिया जाएगा। मरोदा स्थित जल षोधन संयंत्र से इस्पात नगरी को दिए जाने वाले पानी के मटमैला रंग को दूर करने के लिए मेसर्स नालको वांटर इंडिया के माध्यम से मंगाए गए, विशेष कैमिकल से पानी का उपचार प्रारंभ कर दिया गया है, जो निरंतर जारी है।