असम में कांग्रेस की सहयोगी AIUDF के 20 विधानसभा उम्मीदवारों को जयपुर लाकर बाड़ेबंदी में रखने पर राजस्थान में सियासत गर्मा गई है। AIUDF को कट्टरपंथी पार्टी माना जाता है। इसके प्रमुख बदरुद्दीन अजमल हैं। इसलिए भाजपा नेताओं को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर हमला करने का मौका मिल गया है। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने इस बाड़ेबंदी पर निशाना साधते हुए गहलोत को कांग्रेस का जेलर बता दिया। उन्होंने गहलोत पर दूसरी पार्टी के विधायकों को बंदी बनाने का आरोप भी लगाया।
गजेंद्र सिंह शेखावत ने सोशल मीडिया पर लिखा- अशोक गहलोत जी कांग्रेस के बाड़ेबंदी एक्सपर्ट मुख्यमंत्री बन चुके हैं। असम में अभी नतीजे आए नहीं हैं और कांग्रेस को हार का भूत डराने लगा है। असम के अपने और सहयोगी दल के प्रत्याशियों को राजस्थान लाकर पार्टी ने एक बार फिर बाड़ेबंदी का सहारा लिया है। वैसे मुख्यमंत्री जी का मुख्य काम यही है। फाइव स्टार सेवाओं का बाड़ा बनाकर अपने ही नेताओं को कैद करना। इस बार तो दूसरी पार्टी के नेताओं को भी बंदी बना लिया गया है। गहलोत जी को कांग्रेस का जेलर कहना ही सही होगा।
एआईयूडीएफ के 20 उम्मीदवारों की कल से होटल में बाड़ेबंदी
असम में कांग्रेस की सहयोगी पार्टी एआईयूडीएफ के 20 उम्मीदवारों को जयपुर लाया गया। इन उम्मीदवारों को दिल्ली रोड पर होटल फेयरमोंट में बाड़ेबंदी में रखा है। नतीजे आने तक उन्हें यहीं बाड़ेबंदी में रखा जाएगा। सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी और विधायक रफीक खान बाड़ेबंदी का पूरा जिम्मा संभाल रहे हैं।
पूनिया बोले- कांग्रेस नेताओं को बाड़े और बाड़ेबंदी पसंद है
असम में कांग्रेस ने बदरुद्दीन अजमल की पार्टी एआईयूडीएफ के साथ मिलकर चुनाव लड़ा है। अजमल की पार्टी को भाजपा मुस्लिम कट्टरपंथी पार्टी बताकर कांग्रेस की धर्मनिरपेक्षता पर सवाल उठा रही है। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस नेताओं को बाड़े और बाड़ेबंदी पसंद है, नतीजे आने से पहले ही बौखलाहट है। असम के कट्टरपंथियों की बाडेबंदी कर ख़िदमत की जा रही है। इनकी धर्मनिरपेक्षता असम, केरल और बंगाल में कहां चली गई?
शेखावत, गहलोत पर लगातार निशाने साध रहे हैं, फोन टैपिंग पर केस दर्ज करवाया
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को लोकसभा चुनाव में हराकर सांसद बने। दोनों की राजनीतिक प्रतिस्पर्धा पिछले साल सचिन पायलट खेमे की बगावत के बाद कटुता में बदल गई है। गहलोत खेमे ने विधायकों की खरीद फरोख्त में गजेंद्र सिंह की लिप्तता का दावा करते हुए पिछले साल जुलाई में ऑडियो जारी किया। शेखावत के खिलाफ एसीबी में मुकदमा भी दर्ज करवाया जो अभी चल रहा है। भाजपा ने सरकार पर फोन टैपिंग के आरोप लगाए थे, पिछले दिनों शेखावत ने फोन टैपिंग पर सीएम के ओएसडी सहित कई लोगों को आरोपी बनाते हुए दिल्ली पुलिस में एफआईआर भी करवाई थी, जिसकी जांच जारी है।