डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) ने सिर्फ 9 किलोग्राम वजन के बुलेटप्रूफ जैकेट तैयार किए हैं। यह जैकेट चंडीगढ़ स्थित टर्मिनल बैलिस्टिक्स रिसर्च लैब के टेस्ट में पास हो चुका है। ये मीडियम साइज के बुलेटप्रूफ जैकेटों के मुकाबले 1.4 किलो हल्के हैं।
DRDO ने वीरवार को ट्वीट कर ये जानकारी दी। इस लाइट वेट बुलेटप्रूफ जैकेट को DRDO की कानपुर स्थित डिफेंस मटेरियल्स एंड स्टोर्स रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टैब्लिशमेंट लैब में तैयार किया गया है। ये जैकेट BIS स्टैंडर्ड पर खरा उतरा है। इससे सैनिकों को मदद मिलेगी।
हल्के वजन की बुलेटप्रूफ जैकेट से सैनिकों की क्षमता बढ़ेगी
जैकेट का वजन जितना ज्यादा होगा, सैनिक के लिए उसे पहनकर काम करना उतना ही चुनौती वाला होगा। सैनिक जिन हथियारों से लैस होते हैं उनका वजन और साथ में पहने गए बुलेटप्रूफ जैकेट का वजन बोझ बढ़ाते हैं। ऐसे में अगर जैकेट कम वजन के होंगे तो यह सैनिकों के लिए सुविधाजनक होंगे साथ ही क्वलिटी के भी माने जाएंगे।
10.4 किलो के होते हैं मीडियम साइज के बुलेटप्रूफ जैकेट
आम तौर पर बुलेटप्रूफ जैकेट का वजन 17 किलोग्राम तक होता है। मीडियम साइज के बुलेटप्रूफ जैकेट 10.4 किलोग्राम के होते हैं। DRDO ने जिस जैकेट को बनाया है उसका वजन सिर्फ 9 किलोग्राम है यानी यह आम मीडियम बुलेटप्रूफ जैकेट की तुलना में 1400 ग्राम हल्का है। इससे भारतीय सैनिकों को बहुत फायदा मिलेगा। परीक्षणों में पास होने के बाद DRDO जल्द ही इस जैकेट का निर्माण शुरू कर सकता है।