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राजस्थान में संविदा कर्मियों और बेरोजगारों को 1 अप्रैल से मिलेगा बढ़ा हुआ मानदेय तथा भत्ता

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प्रदेश के विभिन्न विभागों में कार्यरत करीब डेढ़ लाख संविदा कर्मियों और बेरोजगार (Contract workers and unemployed) युवक-युवतियों को 1 अप्रैल से गहलोत सरकार की योजनाओं का लाभ मिलना शुरू हो जाएगा. 1 अप्रैल से संविदाकर्मियों को 10 फीसदी बढ़ा हुआ मानदेय (Honorarium) मिलना शुरू हो जाएगा. वहीं बेरोजगार युवक-युवतियों को बढ़ा हुआ बेरोजगारी भत्ता (Increased unemployment allowance) भी मिलना शुरू हो जाएगा. अब बेरोजगार युवकों को 4000 रुपये और युवतियों को साढ़े 4 हजार रुपये बेरोजगारी भत्ता मिलेगा.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 24 फरवरी को अपने बजट भाषण में संविदाकर्मियों का 10 फीसदी मानदेय बढ़ाने और बेरोजगारी भत्ता बढ़ाने की घोषणा की थी. प्रदेश के सभी रोजगार कार्यालय में पंजीकृत बेरोजगार युवक-युवतियों को बढ़ा हुआ बेरोजगारी भत्ता मिलेगा. मुख्यमंत्री ने संविदाकर्मियों की मानदेय बढ़ाने को मांग को पूरा कर दिया है. अब इन्हें अमली जामा पहनाया जायेगा.

इन्हें मिलेगा मानदेय

प्रदेश में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, आशा सहयोगिनी, प्रेरक, मिड डे मील कुक कम हेल्पर, लांगरी, ग्राम रोजगार सहायक, ग्राम पंचायत सहायक, शिक्षाकर्मी और पैरा टीचर्स आदि संविदाकर्मी के तौर पर सेवाएं दे रहे हैं.

इन बेरोजगार युवकों को मिलेगा लाभ

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बेरोजगारी भत्ता बढ़ाकर प्रदेश के लाखों युवक-युवतियों को बड़ी राहत प्रदान की है. बेरोजगारी भत्ते के जरिये सरकार की ओर से उन शिक्षित बेरोजगार युवाओ को लाभ पहुंचाया जायेगा जिन्होंने न्यूनतम 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण कर रखी है. इस योजना के लिये आवेदकों की आयु सीमा 21 वर्ष के लेकर 35 वर्ष के बीच निर्धारित की गई है.

गहलोत की युवाओं को साधने की कवायद

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट भाषण में बेरोजगारी भत्ता बढ़ाकर प्रदेश के युवा वोट बैंक को साधने की कवायद की है. मुख्यमंत्री पार्टी के खिसकते युवा वोट बैंक को एक बार फिर पार्टी से जोड़ना चाहते हैं. यही वजह है कि मुख्यमंत्री गहलोत ने अपने कार्यकाल में दो बार बेरोजगारी भत्ता बढ़ाया है. पिछली सरकार के कार्यकाल में में बेरोजगारी भत्ता 1000 से भी कम था, लेकिन अब इसे बढ़ाकर चार और साढे़ चार हजार रुपये कर दिया गया है.