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चीनी से बचने की कोशिश करें, शुगर डिटॉक्स के हैं फायदे अनेक

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कई वर्षों के विकास के बाद, हम पोषक तत्वों से भरपूर आहार से हटकर कार्बोहाइड्रेट से भरपूर डाइट पर आ गए हैं. हम पैकेज्ड और प्रोसेस्ड फूड ले रहे हैं. यह जानते हुए कि ऐसे खाद्य पदार्थों में शुगर की मात्रा अधिक होती है जैसे कि हाई फ्रुक्टोज, कॉर्न सिरप या माल्टोडेक्सट्रिन आदि जो सेहत के लिए हानिकारक हैं. खानपान का ये बदलाव हमें मोटापे और डायबिटीज जैसी बीमारियों की तरफ धकेल रहा है.

आप जितने अधिक वजन वाले और मोटे होते हैं, आपके प्लेजर सेंटर उतना ही कम काम करते हैं, खासकर डोपामाइन.शुगर वास्तव में एक एडिक्टिव ड्रग जैसी है जिसे आप चाहकर भी छोड़ नहीं पाते और इसकी क्रैविंग (Craving) बनी रहती है. शुगर यानी चीनी के प्रोडक्ट हर किसी के टेस्ट बड्स के लिए किसी ट्रीट से कम नहीं है. कहते हैं न कि हर किसी के पास पेट भरा होने के बाद भी मीठे के लिए जगह हमेशा बनी रहती है. इस तरह से शुगर हमारे दिलों में राज करती है. इससे बचने के लिए शुगर डिटॉक्स (Sugar Detox) जरूरी है.आज हम आपको इस प्रोसेस के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं.

क्या है शुगर डिटॉक्सः

डिटॉक्सिफिकेशन (Detoxification) या डिटॉक्स (Detox) एक लोकप्रिय शब्द है. इसका मतलब आमतौर पर एक विशिष्ट आहार का पालन करने है या विशेष उत्पादों के इस्तेमाल करने से होता है जो आपके शरीर को विषाक्त पदार्थों से छुटकारा दिलाने का दावा करते हैं, जिससे सेहत में सुधार होता है और वजन घटाने को बढ़ावा मिलता है.ज्यादातर लोग इसे हेल्दी लाइफ स्टाइल अपनाने की उम्मीद में करते हैं. चूंकि चीनी में कोई पोषक तत्व नहीं होता है न कोई प्रोटीन होता है, न कोई एंजाइम और न ही किसी तरह का हेल्दी फैट होता है, इसलिए शुगर डिटॉक्स लगातार किया जा सकता है.क्योंकि यह आपके शरीर को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाता है.

कैसे करेंः

शुगर डिटॉक्स की शुरुआत सबसे पहले 10 दिन से करें. इससे आपके शरीर पर बहुत अधिक प्रभाव नहीं पड़ेगा. यह आपके शरीर के सिस्टम के लिए तुंरत मिनी रिबूट होने जैसा होता है. इसका सबसे पॉजिटिव प्रभाव यह है कि यह आपके स्वाद को फिर से ठीक (Recalibrates) करता है और आप नेचुरल शुगर का स्वाद ले सकते हैं.

शुगर डिटॉक्स डाइटः

इसे शुरू करने का सही तरीका है सब्जियां, अच्छी वसा और प्रोटीन का सेवन करना. शराब, कृत्रिम मिठास, डेयरी और स्टार्च युक्त सब्जियों से दूरी बनाना. खुद को हाइड्रेटेड रखने के लिए नारियल पानी या सादे पानी के साथ एक चुटकी हिमालयन पिंक नमक लेना. अंकुरित मूंग दाल, टोफू, चिकन, मछली या ऑर्गेनिक अंडे जैसे प्रोटीन को अपने आहार में अच्छी मात्रा में शामिल करना. कई रंगों के फलों और सब्जियों वाली रेनबो डाइट फॉलो करना और अपना शुगर डिटॉक्स शुरू करना.शुगर डिटॉक्स से आपको कई तरह के फायदे मिलते हैं. तो फिर देर किस बात की है आज से ही शुरू कर दें अपना शुगर डिटॉक्स प्रोग्राम.

शुगर डिटॉक्स के फायदेः

वजन में कमी:

चीनी यानी शुगर की अधिक खपत शरीर में वसा के टूटने की प्रक्रिया में बाधा डालती है. इससे फैटी लिवर होता है. शुगर के अधिक खाने से इंसुलिन स्पाइक्स (Insulin Spikes) भी हो सकता है, इससे ब्लड शुगर बढ़ने और अधिवृक्क (Adrenal) क्रैश होने की संभावना होती है. इसकी एक बड़ी वजह आहार के बड़े हिस्से में खासतौर पर कार्ब्स का सेवन करना है. इससे वेट बढ़ता है. पेट की चर्बी को कम करने के लिए शुगर डिटॉक्स सबसे आसान तरीकों में से एक है और अगर इसकी जगह हम पौष्टिक फूड लेने लगें तो एक महीने में ही वजन कम करने में मदद मिल सकती है.

हार्मोनल संतुलन:

अधिक मात्रा में शुगर लेना आपके शरीर के हार्मोनल बैलेंस और डोपामाइन रिस्पांस में भी रुकावट डाल सकता है.शुगर डिटॉक्स के जरिए आप अपने रोज के खाने में घी, नारियल तेल, अखरोट. मक्खन जैसे अच्छे फैट को शामिल करके हार्मोन कंट्रोल कर सकता है. नतीजतन मूड स्विंग्स, हंगर क्रेविंग, स्ट्रेस कम होता है और एनर्जी का लेवल बढ़ता है.

स्किन होती है अच्छीः

शुगर डिटॉक्स से स्किन भी निखरती है. स्किन अधिक साफ और चमकती है खासकर मुंहासों से परेशान लोगों के लिए यह काफी फायदेमंद साबित होता है. शुगर डिटॉक्स से अंडर आई पफनेस कम होने के साथ डार्क सर्कल भी हल्के होने लगते हैं. जैसे-जैसे हार्मोन संतुलन में आते हैं, स्किन यंग और अधिक कसी हुई दिखती है. इससे स्किन टोन और कॉम्प्लेक्शन में सुधार आता है.

आंते रहती हैं हेल्दीः

पाचन तंत्र की एसिडिटी, कब्ज, गैस और ब्लोटिंग जैसी परेशानियों को बहुत हल्के में लिया जाता है. अनहेल्दी आंत में खराबी पैदा करने वाले बैक्टीरिया शुगर पर ही पलते हैं और बैक्टीरिया प्रोटीन और विषाक्त पदार्थों को हमारे ब्लड में छोड़ते हैं.यह सभी तरह की सूजन का कारण बनता है. इसलिए, चीनी कम खाने से खराब बैक्टीरिया का विकास रुक जाएगा जो बदले में आंत की सूजन को कम करेगा और इसका पूरे शरीर पर पॉजिटिव असर पड़ेगा.हर किसी को हमेशा अपने शरीर को ब्लड शुगर के लेवल को ठीक करने और रीसेट करने के लिए वक्त देना चाहिए.

Disclaimer:इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारियों पर आधारित हैं.tarunpath.com इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.