महाराष्ट्र में महाशिवरात्रि पर कोरोना वायरस महामारी के चलते राज्य सरकार ने नासिक के त्र्यंबकेश्वर मंदिर और मुंबई के बाबुलनाथ मंदिर को श्रद्धालुओं के लिए बंद रखने का फैसला किया है.
महाशिवरात्रि पर गोरखपुर में शिवभक्तों ने झारखंडी महादेव मंदिर के दर्शन किए और भगवान शिव की पूजा-अर्चना की. वहीं महाशिवरात्रि पर महादेव की नगरी काशी में श्रद्धालुओं का जमघट लगा हुआ है. बुधवार की देर शाम से ही काशी विश्वनाथ के दर्शन करने के लिए भक्तों का तांता लगा हुआ है. शिवालयों के कपाट मंगल आरती के बाद खुले तो दर्शन करने वालों की भारी भीड़ उमड़ आई.
महाशिवरात्रि के पहले शाही स्नान पर जूना अग्नि आवाहन और किन्नर अखाड़ा के साधु-संतों पर हेलीकॉप्टर के माध्यम से फूलों की वर्षा की गई. धर्मनगरी हरिद्वार में पहले शाही स्नान का आज नजारा अलग ही देखने को मिल रहा है. हजारों की संख्या में नागा सन्यासी अखाड़ों के महामंडलेश्वर आचार्य महामंडलेश्वर शाही रूप से गंगा में स्नान करने जा रहे हैं. लाखों की संख्या में धर्म नगरी पहुंचकर श्रद्धालु साधु संतों का ले रहे आशीर्वाद ले रहे हैं.
Mahashivratri Jalabhishek 2021: आज यानी 11 मार्च 2021 को देश भर में महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जा रहा है. हिन्दू पंचांग के अनुसार, हर साल फाल्गुन मास के कृष्णपक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है. इस वर्ष महाशिवरात्रि पर विशेष योग बन रहा है. इस दिन शिव योग के साथ सिद्ध योग भी बन रहा है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन जलाभिषेक करने से शिव भक्तों पर शिव भगवान की कृपा बरसेगी. उनकी कृपा से शिव भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है.
इस बार महाशिवरात्रि पर त्रयोदशी और चतुर्दशी तिथियां पड़ रही हैं. इस लिए जलाभिषेक का महत्त्व और भी बढ़ गया है. हिंदू धर्मशास्त्रों के अनुसार, महाशिवरात्रि पर्व पर त्रयोदशी व चतुर्दशी में जलाभिषेक का विधान बताया गया है. त्रयोदशी तिथि 10 मार्च को दोपहर बाद 2.40 मिनट से शुरू हो रही है और यह 11 मार्च को 2.40 बजे त्रयोदशी समाप्त होगी उसके बाद तुरंत बाद चतुर्दशी प्रारंभ हो जाएगी.
शिवालयों में त्रयोदशी का जलाभिषेक 11 मार्च को सुबह 4.01 बजे से शुरू होकर पूरे दिन चलता रहेगा. वहीं चतुर्दशी का जलाभिषेक इसी दिन अर्थात 11 मार्च को अपराह्न तीन बजे से शुरू होकर शाम तक चलेगा. महाशिवरात्रि का निशीथ काल, जो कि इस दिन का सर्वोत्तम समय होता है, 11 मार्च को रात 12 बजकर 6 मिनट से 12 बजकर 55 मिनट तक रहेगा. चूंकि महाशिवरात्रि का पर्व रात्रि में मनाया जाने वाला पर्व है. इस लिए महाशिवरात्रि का पूजन चारों पहर करने का विशेष महत्त्व है.