छत्तीसगढ़ विधानसभा में बठेना मामले (Bathena Case) को लेकर जमकर हंगामा हुआ. बीजेपी ने हत्या के मामले को आत्महत्या का रूप देने का आरोप लगाया.
छत्तीसगढ़ के बठेना पाटन इलाके (Bathena Case) मैं एक ही परिवार के 5 लोगों की संदिग्ध मौत का मामला एक बार फिर सदन गूंजा. इस मामले में बीजेपी ने मंगलवार को फिर स्थगन प्रस्ताव लाकर चर्चा की मांग की, जिसे आसंदी ने अस्वीकार कर दिया. इसके बाद सदन में जमकर हंगामा हुआ. बीजेपी विधायकों ने हत्या (Murder) को आत्महत्या (Suicide) के रूप में तब्दील करने का आरोप लगाया है. विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा कि भाजपा विधायक दल सोमवार को बठेना गया था. यह हत्या की घटना है. इसे आत्महत्या की घटना के रूप में तब्दील करने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि छत्तीसग़ढ अपराध का गढ़ बन चुका है. हमने इस विषय पर स्थगन दिया है इसे स्वीकार करके चर्चा कराए.
आरोप लगाते हुए भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि 9 पन्ने का सुसाइड नोट परिवार के सदस्यों को पढ़ने नहीं दिया गया. मृतक के परिवार को किसी भी कार्रवाई से अवगत नहीं कराया जा रहा है. मामले को दबाने का प्रयास किया जा रहा है. तो वहीं इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि कहीं न कहीं इसमें बड़ी साजिश दिखती है. ऐसा छत्तीसगढ़ में नहीं होता कि कोई पिता अपनी बेटी को ऐसे फांसी पर लटका के जलाए. गांव वालों को भी शंका है कि उन्हें मार कर आत्महत्या का रूप दिया जा रहा है. इस पर चर्चा जरूरी है.
खुड़मुड़ा मामले में नेता प्रतिपक्ष का बयान
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने खुड़मुड़ा मामले में अब तक की कार्रवाई को लेकर कहा कि खुड़मुड़ा मामले में अभी तक गिरफ्तारी नहीं हुई है, बठेना की घटना झकझोड़ने वाली है. 3 लोगों को जलाया गया, ये आत्महत्या नहीं बल्कि हत्या लगता है. प्रदेश में ऐसे विषयों पर स्थगन के जरिये चर्चा नहीं होगी तो कैसी घटना पर होगी. इस बेहद गंभीर घटना पर चर्चा होनी चाहिए. लेकिन इस मामले में आसंदी ने स्थगन प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया. इसके बाद बीजेपी सदस्यों की ओर से जमकर नारेबाजी की गयी.
बीजेपी विधायक बेल में पहुंचे और बेल में पहुंचकर भी नारेबाजी चलती रही. बेल में पहुंचने के कारण बीजेपी विधायक स्वमेव निलंबित हो गये औरबेल में बीजेपी विधायकों की नारेबाजी की वजह से सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित हो गयी. लेकिन जब 10 मिनट बाद फिर से सदन की कार्यवाही शुरू हुई तब निलंबिन समाप्त किया गया और बीजेपी विधायकों ने फिर से नारेबाजी शुरू कर दी और बठेना की घटना पर चर्चा की मांग करने लगे. इसके बाद फिर एक बार बेल में जाकर बीजेपी विधायकों का हंगामा जारी रहा और आसंदी ने बीजेपी के विधायकों को निलंबित कर दिया.