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बंगाल चुनाव से पहले TMC छोड़ने की होड़, आज 5 विधायक बीजेपी में शामिल

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टीएमसी विधायक सोनाली गुहा, दीपेंदु बिस्वास, रवींद्रनाथ भट्टाचार्य, जटू लहिरी और हबीबपुर से टीएमसी प्रत्‍याशी सरला मुर्मू सोमवार को बीजेपी में शामिल हो गए.

विधानसभा चुनाव से पहले पश्चिम बंगाल (West Bengal Assembly Election) में सियासी उथल-पुथल का दौर जारी है. ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) की पार्टी तृणमूल कांग्रेस के कई नेता बीजेपी ज्‍वाइन कर चुके हैं. अब टीएमसी (TMC) को आज फिर झटका लगा जब उनके 5 विधायक बीजेपी में शामिल हुए. बता दें कि टीएमसी विधायक सोनाली गुहा, दीपेंदु बिस्वास, रवींद्रनाथ भट्टाचार्य, जटू लहिरी और हबीबपुर से टीएमसी प्रत्‍याशी सरला मुर्मू सोमवार को बीजेपी में शामिल हो गए. पश्चिम बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप घोष, बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी और मुकुल रॉय की मौजूदगी में उन्‍होंने बीजेपी ज्‍वाइन की.

पिछले करीब तीन महीने से टीएमसी के खेमे में खलबली मची है. एक के बाद एक टीएमसी के दिग्गज बीजेपी में शामिल हो रहे हैं. तृणमूल कांग्रेस के बड़े नेता लगातार पार्टी छोड़ रहे हैं. डायमंड हार्बर विधायक दीपक हलदर, पूर्व मंत्री शुभेंदु अधिकारी और राजीव बनर्जी, टॉलीवुड अभिनेता यश दासगुप्ता, हीरन चटर्जी के अलावा करीब आधा दर्जन एक्टर बीजेपी में शामिल हो गए हैं. इसके अलावा कई और नेता पार्टी छोड़ने की लगातार धमकी दे रहे हैं.

TMC इस बार 294 में से 291 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. तीन सीटें सहयोगी पार्टी गोरखा जनमुक्ति मोर्चा को दी गई हैं. इस बार की लिस्ट में कई हैरान कर देने वाले आंकड़े सामने आए हैं. मसलन इस बार इस बार 50 महिला उम्मीदवारों को टिकट दिया गया है. लेकिन अब इसकी संक्या घटकर 49 हो गई है. इसके अलावा इस लिस्ट में मुस्लिम उम्मीदवारों की संख्या कम है.

बंगाल में तृणमूल, भाजपा के चुनाव अभियान में अहम है महिलाओं का मुद्दा
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव का समय नजदीक आने के साथ ही राजनीतिक दलों का महिलाओं के मुद्दों पर जोर बढ़ता जा रहा है. सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस इस बार अब तक की सर्वाधिक 50 महिला उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारने जा रही है, हालांकि भाजपा ने इस सब के बीच आरोप लगाया है कि ममता बनर्जी सरकार के शासन तले महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ गए हैं.

महिलाओं को लुभाने के लिए तृणमूल अपने चुनाव अभियान में ‘स्वास्थ्य साथी’ औ ‘कन्याश्री’ जैसी योजनाओं का जोर शोर से प्रचार कर रही है. उसका चुनावी नारा भी ‘बंगाल को अपनी बेटी चाहिए’ है. तृणमूल सांसद एवं प्रवक्ता काकोली घोष दस्तीदार के मुताबिक इस बार मतदाता देखेंगे कि ‘अकेली महिला बंगाल के सम्मान की खातिर बाहर के लोगों से लड़ रही है.’

उन्होंने कहा, ‘1998 में जब तृणमूल बनी थी तब से ममता बनर्जी ने हमेशा कोशिश की है कि पंचायत, नगर निकाय, राज्य या लोकसभा चुनाव में ज्यादा से ज्यादा महिला उम्मीदवारों को खड़ा किया जाए. इस बार चुनाव में पार्टी 50 महिला उम्मीदवार उतार रही है जो 2016 के मुकाबले पांच अधिक है.’