राजस्थान के बाड़मेर में टैक्सी ड्राइवर के पेन व आधार कार्ड का गलत इस्तेमाल कर 32.63 करोड़ का लेनदेन किया और इनकम टैक्स ने 4.89 करोड़ के टैक्स नोटिस थमाया है.
काला धन और बेनामी संपति वाले आयकर विभाग से खौफ खाते है, लेकिन आपको अगर सुनने को मिले की आयकर विभाग ने एक टैक्सी चालक को 32.63 करोड़ रुपए के लेनदेन के मामले में 4.89 करोड़ रुपए बकाया टैक्स का नोटिस भेजा है. यह मामला राजस्थान के सरहदी बाड़मेर का है. टैक्सी चलाकर मजदूरी करने वाले एक युवक को आयकर विभाग ने 4.89 करोड़ का नोटिस थमा दिया है.
आयकर का नोटिस पाने वाले परेशान टैक्सी चालक युवक का कहना है कि वह मजदूर है और गांव में ऑटो रिक्शा चलाकर हर महीने 8-10 हजार रुपए कमाता है. अब यह करोड़ो के लेनदेन का क्या चक्कर है यह उसकी समझ से परे है.
सरहदी बाड़मेर जिले के सेड़वा उपखण्ड के पनोरिया के गजेदान चारण ने बाखासर थाने में 19 फरवरी को एक रिपोर्ट देकर बताया कि 11 फरवरी 2021 को राज्य के टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से 4.89 करोड़ रुपए टैक्स चुकाने का नोटिस थमाया है. पीड़ित गजेदान का आरोप है कि उसका पेन,आधार, बैंक और अन्य जानकारी चौहटन की एक फाइनेंस कंपनी को उसने दी थी. करीब एक साल पूर्व उसने ऑटो रिक्शा खरीदी थी. उसे फाइनेंस करवाने के लिए उसने उसके दस्तावेज दिए थे. इसके अलावा वो एक किराणा दुकान भी चलाता है, जहां ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के मोबाइल रिचार्ज करने के लिए एक-दो कंपनियों की आईडी ली थी उसके लिए भी दस्तावेज दिए थे, ऐसे में उसके दस्तावेज किसने उपयोग में लेकर ये धोखाधड़ी की है उसे कुछ मालूम नहीं है.
पीड़ित गजेदान का आरोप है किसी अन्य व्यक्ति ने उसके नाम जीएसटी फर्म मैसर्स एसएलवी इंटरनेशनल पंजीकरण बनवाया है, जिसके पंजीयन में प्रयुक्त मोबाइल नंबर 9116921023 है, ई-मेल आईडी भी है, जो उसकी नहीं है. उसके नाम से किसी ने फर्जी फर्म का रजिस्ट्रेशन किया है. इस फर्म से 32 करोड़ 63 लाख 65 हजार 440 रुपए का गलत तरीके से किया गया है, जिसका जीएसटी 4 करोड़ 89 लाख 99 हजार 724 का गलत बोझ उस पर डाल दिया गया है. इस तरह का कोई लेनदेन उसने कभी नहीं किया है.
पीड़ित गजेदान ने 19 फरवरी को बाखासर थाने में धोखाधड़ी और फर्जी तरीके से फर्म बनाकर करोड़ों के लेनदेन करने की अज्ञात लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दी थी, लेकिन 12 दिन बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया है. इधर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नरपतसिंह का कहना है कि परिवादी की रिपोर्ट के आधार पर बाखासर थाने में धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है. पुलिस द्वारा अनुसंधान जारी है. पहले परिवाद को जांच में रखा गया था अब प्रकरण दर्ज कर दिया है.
बहरहाल, बाड़मेर पुलिस की ढीली कार्रवाई पर भी सवालिया निशान खड़े होते है कि क्यों आखिर 12 दिन बाद मामला दर्ज किया गया. पुलिस मामले को दर्ज करने की बजाय ढिलाई बरतती नजर आई.