किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार ने की ओर से पीएम किसान सम्मान निधि (PM Kisan Samman Nidhi) स्कीम चलाई जा रही है. इस स्कीम में किसानों को केंद्र सरकार की ओर से 6000 रुपए का आर्थिक सहायता दी जाती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ओडिशा राज्य में किसानों को सालाना 25000 रुपए की मदद दी जाती है.
किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार ने की ओर से पीएम किसान सम्मान निधि (PM Kisan Samman Nidhi) स्कीम चलाई जा रही है. इस स्कीम में किसानों को केंद्र सरकार की ओर से 6000 रुपए का आर्थिक सहायता दी जाती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ओडिशा राज्य में किसानों को सालाना 25000 रुपए की मदद दी जाती है. जी हां…यहां नवीन पटनायक सरकार किसानों को सालाना 25 हजार रुपए की मदद दे रहा है.
नवीन पटनायक सरकार ने Krushak Assistance for Livelihood Income Augmentation स्कीम यानी KALIA scheme की शुरुआत की है. इसमें राज्य के किसानों को दो किस्तों में 25 हजार रुपए दिए जाते हैं. बता दें ये रुपए किसानों को खाद, बीज, उर्वरक के लिए दिए जाते हैं. इन पैसों को राज्य सरकार पीएम किसान सम्मान निधि के तहत खाते में ट्रांसफर करती है.
साल 2019 में शुरु की थी स्कीम
आपको बता दें इस स्कीम की शुरुआत नवीन पटनायक ने साल 2019 में की थी. इस योजना के तहत पीएम किसान सम्मान की तरह ही पैसे सीधे किसानों के अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए जाते हैं.
क्यों मदद कर रही सरकार?
राज्य के किसानों को बीज, उर्वरक और कीटनाशक खरीदने के लिए सरकार की ओर से ये आर्थिक मदद दी जाती है. सरकार किसानों की आय बढ़ाने और अच्छी फसल के लिए मदद दे रही है. इसके साथ खेती में बढ़ती लागत की भरपाई करने के लिए भी इस योजना का इस्तेमाल किया जाता है.
दो किस्तों में ट्रांसफर होता है पैसा
इस स्कीम का पैसा दो किस्तों में दिया जाता है. सरकार रवि और खरीफ की फसलों के समय पर ये पैसे अकाउंट में ट्रांसफर करती है. इस स्कीम का फायदा लेने के लिए ऐसी कोई भी जानकारी नहीं ली जाती है कि आपके पास कितनी खेती है. बल्कि हर किसान को सालाना 25 हजार रुपए दिए जाते हैं.
इसके अलावा भूमिहीन खेतिहर मजदूरों को भी सरकार सहायता करती है. ऐसे मजदूरों को हर साल 12,500 रुपये की सहायता दी जाती है ताकि वो छोटे मोटे स्तर पर कोई स्वरोजगार कर सकें.
बता दें मुख्यमंत्री खुद कालिया की मॉनीटरिंग कर रहे हैं. यह स्कीम बीजेडी के लिए गेम चेंजर साबित हुई है. यह भी बताया जाता है कि राज्य सरकार कालिया आयोग का भी गठन सकती है. एक लाख तक ब्याजमुक्त ऋण और सिंचाई के लिए 50 हजार करोड़ का प्रावधान किया जा सकता है.