एयर स्ट्राइक से डरे पाकिस्तान ने दो साल में अपने एयर डिफेंस और सर्विलांस पर ख़ूब पैसा ख़र्च किया. इसके अलावा चीन की मदद से अपनी ताक़त को मज़बूत करता रहा.
भारतीय वायुसेना के मिराज विमानों ने दो साल पहले बालाकोट (Balakot Air Strike) में घुसकर आतंकियों के ठिकानों को जिस तरह से नेस्तनाबूत किया, उसका दर्द लंबे समय तक पाकिस्तान को महसूस होगा. पाकिस्तान को पता है कि वो अपनी हरकतों से बाज आने वाला नहीं है और भारतीय सेना बालाकोट की तर्ज पर फिर से पलटवार कर सकती है. लिहाजा उसने भारतीय वायुसेना (Indian Air Foce) से बचने के लिए अपनी तैयारियों को अमली जामा पहनना शुरू कर दिया है और इसमें उसकी मदद कर रहा है उनका पुराना दोस्त चीन.
पिछले दो साल में पाकिस्तान ने जिन हथियारों की खरीद की प्रक्रिया को तेज किया है, उसमें सबसे ज्यादा एयर डिफ़ेंस के लिए मिसाइल, रडार और यूएवी है. हाल ही में जो खरीद चीन करने की तैयारी कर रहा है, वो है रूसी अपग्रेडेड मिनी यूएवी S-250. खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक़ इन अपग्रेडेड मिनी यूएवी का आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिये इस्तेमाल होगा और अपग्रेडेट मिनी यूएवी से 25 से 50 किलोमीटर दूर भी विडियो लिंक भेजा जा सकेगा. इनकी पुरानी बैटरी को बदलकर अपग्रेड किया जा रहा है, ताकि ये यूएवी ज्यादा वक्त तक हवा में रह सकें. इसके लिये बाक़ायदा पिछले साल दिसंबर में ही इन यूएवी का डेमोंस्ट्रेशन किया गया.
रूस से हथियार खरीदने के तैयारी
रूस से पाकिस्तान बड़ी संख्या में यूएवी लेने की योजना पर काम कर रहा है. पिछले साल नवंबर दिसंबर में यूएवी का मुजफ्फराबाद, बहावलपुर और ग्वादर में ट्रायल किया गया गया. इससे पहले कई खुफिया रिपोर्ट में चीन से ख़रीदे जाने वाली हथियारों की लंबी फ़ेहरिस्त है, जो कि समय-समय पर पाकिस्तान चीन से लेने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाता रहा है. जिसमें एंटी एयरक्राफ्ट गन भी है.
चीन से हथियार
चीन से पाकिस्तान की 12.7 एमएम की 750 एंटी एयरक्राफ्ट गन खरीदने पर बात हो रही है. पाकिस्तान इस गन की तकनीक भी चीन से ट्रांसफर ऑफ टेक्नॉलजी के तहत ले सकता है पाकिस्तान ने कुछ वक्त पहले चीन से QW -18 SAM सिस्टम जो कि हवा में मार करने वाला मिसाइल सिस्टम है. यही नही , नौ LY -80 LOMADS रडार सिस्टम , IBIS -150 रडार सिस्टम लेने का करार भी हुआ है. सूत्रों की मानें तो पाकिस्तान चीन से बलून बॉर्न स्पाई रडार सिस्टम भी ले रहा है. इस सिस्टम को TARS यानी Tethered Aerostat Radar System भी कहा जाता है. इसमें दुश्मन की मूवमेंट पर नजर रखने की क्षमता के साथ ही मौसम पर नजर रखने वाले यंत्र भी लगे होते हैं. चीन ने पाकिस्तान को आर्मड ड्रोन देने का भी वादा किया है.
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भारत की तैयारी
उधर भारत ने भी अपने दोनों पड़ोसी मुल्क को ध्यान में रखकर अपनी तैयारियां को लगातार तेज किये हुए है. जिसमें विदेशों से हथियारों को इमर्जेंसी केस के तहत लिया ही जा रहा है. वहीं बड़े पैमाने में स्वदेशी उपकरणों को तरजीह भी दी जा रही है. जिसमें हाल ही में 83 लाइट कॉम्बेट एयरक्राफ्ट (एलसीए) तेजस- मार्क-1 की डील हुई है तो वही पिछले छह महीने के भीतर ही अलग अलग तरह की एक दर्जन से ज्यादा मिसाइलों का सफल परीक्षण किया जा चुका है.
हथियारों का जखीरा
इंडियन एयरफोर्स में हेवी लिफ्ट चिनूक, अटैक हेलिकॉप्टर अपाचे और फाइटर जेट रफाल भी शामिल हो चुका है. हालांकि भारत और पाकिस्तान के बीच एलओसी पर फिर से संघर्ष विराम का सख़्ती से पालन करने पर सहमती बनी है लेकिन पाकिस्तान जिस तरह का मुल्क है उससे इस तरह की उम्मीद कम ही लगाई जा सकती है