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OTT और सोशल मीडिया पर ‘पहरेदारी’, जानें सरकार की गाइडलाइंस की अहम बातें

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केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद (Ravi Shankar Prasad) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, ‘हमने कोई नया कानून नहीं बनाया है. हमने ये नियम वर्तमान आईटी एक्ट के दायरे में रहते हुए बनाए हैं. हम प्लेटफॉर्म्स पर भरोसा करते हैं कि वो नियमों का पूर्ण रूप से पालन करेंगे. इन नियमों का फोकस सेल्फ रेगुलेशन पर है.’

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (MeITY) ने सोशल मीडिया (Social Media) और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स (OTT Platforms) पर कंटेंट को लेकर नई गाइडलाइंस जारी कर दी हैं. नए नियमों के मुताबिक अब सोशल मीडिया कंपनियों को किसी ट्वीट या मैसेज के ओरिजिनेटर के बारे में जानकारी देनी होगी. वॉट्सऐप जैसी कंपनियां जो इंड-टू-इंड एनक्रिप्शन देती हैं उनके लिए ये नियम मुश्किल पैदा करने वाले हो सकते हैं.

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद (Ravi Shankar Prasad) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, ‘हमने कोई नया कानून नहीं बनाया है. हमने ये नियम वर्तमान आईटी एक्ट के दायरे में रहते हुए बनाए हैं. हम प्लेटफॉर्म्स पर भरोसा करते हैं कि वो नियमों का पूर्ण रूप से पालन करेंगे. इन नियमों का फोकस सेल्फ रेगुलेशन पर .’

यूजर्स की शिकायतों के निपटारे के लिए व्यापक व्यवस्था की जरूरत पर जोर

सरकार चाहती है कि सोशल मीडिया के तंत्र में यूजर्स की शिकायतों के निपटारे के लिए बाकायदा जगह बनाई जाए. इसके लिए चीफ कॉम्प्लायंस ऑफिसर, नोडल कॉन्टैक्ट पर्सन, रेजिडेंट ग्रेवियांस ऑफिसर जैसे पदों का प्रावधान होना चाहिए. जिससे यूजर्स अपनी शिकायत सही जगह तक पहुंचा सकें.

कंटेंट पोस्ट या शेयर करने वाले की जानकारी देनी पड़ सकती है

नए नियमों के अनुसार, प्लेटफॉर्म्स को कानून व्यवस्था की स्थिति में पहली बार कंटेंट पोस्ट या शेयर करने वाले की जानकारी देनी पड़ सकती है. नए नियम कहते हैं कि सरकार से आदेश प्राप्त होने के बाद कंपनी को पहली बार कंटेंट पोस्ट या शेयर करने वाले को अनिवार्य रूप से ट्रेस करना होगा. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अगर पहली बार कंटेंट शेयर करने वाला व्यक्ति भारत के बाहर है, तो कंटेंट को देश में जिसे पहली बार शेयर किया गया होगा, उसे पहला ओरिजिनेटर माना जाएगा.

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को यह जानकारी देनी होगी कि कितनी शिकायतों पर कार्रवाई की गई है. सोशल मीडिया कंपनियों को हर महीने सरकार को इस बात की रिपोर्ट देनी होगी.

ओटीटी प्लेटफॉर्म और डिजिटल मीडिया

सरकार ने ओटीटी प्लेटफॉर्म्स और डिजिटल न्यूज मीडिया के लिए ग्रेवियांस रिड्रेसल सिस्टम बनाने की बात कही है. सरकार ने ओटीटी प्लेटफॉर्म्स और डिजिटल मीडिया से सेल्फ रेगुलेशन करने की बात भी कही है.

जहां फिल्मों के लिए सेंसर बोर्ड है वहीं ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर कंटेंट दर्शकों की उम्र के हिसाब से रेगुलेट करना होगा. नियमों के मुताबिक 13+ और 16+ उम्र समूह के लिए बनाए जाने वाले कंटेंट पर ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को विशेष ध्यान रखना होगा. वयस्क लोगों के कंटेंट पर किसी सेंसरशिप की बात नहीं कही गई है. डिजिटल मीडिया के लिए प्रेस काउंसिल के जर्नलिस्टिक कंडक्ट का खयाल रखने को कहा गया है. इसके अलावा त्रिस्तरीय ग्रेवियांस रिड्रेसल सिस्टम की बात भी कही गई है.