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बढ़ सकते हैं फल, सब्जियों के दाम! ट्रक ट्रांस्पोर्टर्स ने दी देशभर में हड़ताल की चेतावनी

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AIMTC की बैठक में निर्णय लिया गया कि यदि सरकार सड़क परिवहन उद्योग की उपरोक्त मांगों को सकारात्मक तरीके से हल नहीं करती तो AIMTC की गवर्निंग काउंसिल की एक और बैठक बुलाई जाएगी और वे अपने वाहनों को सरेंडर कर देशव्यापी हड़ताल पर जाएंगे.

तेल की कीमतों में लगातार 7वें दिन बढ़ोतरी के बीच देशभर के ट्रक ट्रांस्पोर्टरों (Truck Transporters) ने देशव्‍यापी हड़ताल पर जाने की चेतावनी सरकार को दी है. बढ़ती डीजल की कीमतों (Diesel Price Hike), ई-वे बिल से संबंधित मसलों और स्क्रैपिंग पॉलिसी जैसे मुद्दों से बेहद नाराज़ इन ट्रक ट्रांस्पोर्टरों ने सरकार से दो टूक कह दिया है कि या तो 14 दिन के भीतर उनकी मांगों को माना जाए, वरना देशभर में एक लाख से ज्‍यादा ट्रक स्‍ट्राइक (Truck Strike) पर चले जाएंगे. ऐसा होने पर आने वाले दिनों में फल, सब्जी और बाकी दूसरी चीजों के दाम बढ़ जाएंगे.

ट्रांसपोर्टर्स की सबसे बड़ी संस्था द ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (AIMTC) की गवर्निंग काउंसिल की आपात बैठक बुलाई गई. इस मीटिंग में सभी राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों में फैली सड़क परिवहन बिरादरी के नुमाइंदे शामिल हुए. AIMTC के महासचिव नवीन कुमार गुप्‍ता ने न्‍यूज 18हिंदी को बताया क‍ि इस बैठक में बढ़ती डीजल की कीमतों, अत्यधिक कराधान, ई-वे बिल, उत्पीड़न और भ्रष्टाचार से संबंधित मुद्दे, स्क्रैपिंग नीति की वर्तमान स्थिति और टीडीएस और अनुमानित कर के निरस्तीकरण के लंबित मुद्दों पर चर्चा और विचार-विमर्श किया गया.

संगठन महासचिव ने कहा कि सड़क परिवहन बिरादरी ने सड़क परिवहन क्षेत्र की बिगड़ती परिस्थितियों और इसके प्रति सरकार की उदासीनता पर अपनी नाराजगी जताई. उन्‍होंने कहा कि डीजल की बढ़ती कीमतों के कारण उच्च मुद्रास्फीति का माहौल बन गया है, जिससे आम आदमी की कमर टूट गई है और ट्रांसपोर्ट ऑपरेटर्स अपना आर्थिक रूप से अपंग परिचालन और गैर लाभकारी व्यवसाय करने में असमर्थ हैं और बंद करने के लिए मजबूर हैं. सरकार आवश्यक वस्तुओं और अन्य वस्तुओं की बढ़ती कीमतों की वजह से आम आदमी की परेशानियों के प्रति भी असंवेदनशील है.

उन्‍होंने कहा कि परिवहन नेताओं ने विरोध प्रदर्शन द्वारा एवं अनिश्चितकालीन राष्ट्रव्यापी सड़क परिवहन परिचालन के निलंबन के लिए प्रस्ताव को पारित करने पर जोर दिया, ताकि सरकार उनके गंभीर मुद्दों के प्रति जागे और उन्हें हल करने के लिए तत्काल कदम उठाए. मैराथन विचार-विमर्श प्रक्रिया के बाद AIMTC के राष्ट्रीय नेतृत्व ने अपनी मांगों के समाधान करने के लिए सरकार को 14 दिन का नोटिस जारी करने का निर्णय लिया.

यह हैं प्रमुख मांगें…

• केंद्रीय एक्सिज़ ड्यूटी में कटौती और राज्यों को सलाह देकर डीजल पर वेट कम करने की सलाह देने हेतु तुरंत कार्यवाही, ताकि डीज़ल की कीमतों में तत्काल कमी लाई जा सके.

• देश भर में डीजल की कीमतों की एकरूपता और उनके हर तीन महीने में संशोधन.

• ई-वे बिल और जीएसटी से संबंधित मुद्दों का तत्काल समाधान.

• स्क्रैपिंग नीति के रोल-आउट से पहले परिवहन बिरादरी के साथ पर चर्चा.

• टी.डी.एस का निरस्त करना और प्रकल्पित कर का युक्तिकरण, जिस पर पहले से सहमति है पर ये काफी समय से लंबित हैं.

इस बैठक में निर्णय लिया गया कि यदि सरकार सड़क परिवहन उद्योग की उपरोक्त मांगों को सकारात्मक तरीके से हल नहीं करती तो AIMTC की गवर्निंग काउंसिल की एक और बैठक बुलाई जाएगी और वे अपने वाहनों को सरेंडर कर देशव्यापी हड़ताल पर जाएंगे.