आईट मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बार बार ट्विटर को चेतावनी दी की भारत के साथ दोहरा मापदंड अपनाने से ट्वीटर बचे. उनकी नाराजगी का आलम ये है कि ट्विटर इंडिया के अधिकारियों से आज तक मुलाकात ही नहीं की है.
सोशल मीडिया एप ट्वीटर के साथ सरकार के आईटी मंत्रालय की तनातनी लगातार चल रही है. आईटी मंत्रालय का आरोप है कि ट्विटर भारत के लिए कोई मापदंड अपनाता और बाकी देशों और विचारधारा पर कुछ और. सरकार बार बार यही आरोप लगाती रही है कि भारत में कुछ भी घटना हो ट्विटर कतई तठस्थ नहीं रहता है. सरकार लाख चेतावनी दे की वो भारत के संविधान का उल्लंघन कर रहे हैं लेकिन ट्विटर जवाब नहीं देता है. चाहे वो भारत के नक्शे को गलत तरीके से पेश करना हो या फिर भारत में चल रहे आंदोलनों का सिलसिला हो. सरकार ने बार बार ट्विटर को चीजें सुधारने को कहा लेकिन नतीजा ढाक के वही तीन पात.
एक ओर आईटी मंत्रालय कहता है कि भारत विरोधी प्रचार करने वाले हैंडलों को बैन करो लेकिन ट्विटर उन्हें भी विचारों की अभिव्यक्ति बता कर रोकने से इंकार कर देता है. आईटी मंत्रालय के सूत्र बताते हैं कि ये ट्विटर का दोहरा मापदंड ही है जो दुनिया भऱ में बॉट्स के जरिए ट्वीटर हैंडल की लोकप्रियता बढ़ाने में मदद करता है तो दूसरी तरफ भारत में किसान नरसंहार हैशटैग के साथ किए गए ट्वीट पर और ट्वीट करने वाले अकाउंट के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं करता. कुछ ट्विटर अकाउंट से फ़ार्मर जीनोसाइड हैशटैग के साथ ट्विट किए गए थे, जिनकी भाषा उकसाऊ और नफ़रत फैलाने वाली थी. आईट मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बार बार ट्विटर को चेतावनी दी की भारत के साथ दोहरा मापदंड अपनाने से ट्वीटर बचे. उनकी नाराजगी का आलम ये है कि ट्विटर इंडिया के अधिकारियों से आज तक मुलाकात ही नहीं की है.
26 जनवरी की घटना के बाद केंद्र ने ट्विटर इंडिया को चिट्ठी लिखकर जेनोसाइड हैशटैग वाले ट्वीट्स की शिकायत की और बताया कि इन ट्वीट में दी गई जानकारियां भी ग़लत थीं. केंद्र सरकार ने ट्विटर इंडिया से कड़े शब्दों में कहा कि नरसंहार के लिए उकसाना अभिव्यक्ति की आज़ादी नहीं बल्कि क़ानून व्यवस्था को खुली धमकी है. इसके साथ ही सरकार ने उन पर भी रोक लगाने की मांग की थी जिनपर खालिस्चानी समर्थन करने वाले ट्विटर हैंडल और पाकिस्तान समर्थित हैंडल भी थे. सरकार ने ट्विटर इंडिया को ऐसे अकाउंट को ब्लॉक करने को कहा था, लेकिन ट्विटर इंडिया ने सरकार के आदेश के बाद भी सारे अकाउंट अनब्लॉक कर दिए. सरकार का कहना है कि सरकार के आदेश की अनदेखी करना ठीक नहीं और ऐसा करने पर ट्विटर इंडिया के ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है. ट्विटर के प्लेटफार्म का भारत में अस्तिरता फैलाने का गलत इस्तेमाल सरकार बर्दाश्त नहीं करेगी. इसलिए ट्विटर उनके खिलाफ सख्त कार्र्वाई करे.
कानूनी कार्रवाई की बात सुनकर ट्विटर इंडिया को भी बातचीत के लिए मेज पर आना पड़ा. केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के मिलने के इंकार करने के बाद आखिरकार भारत सरकार के आईटी सचिव ने ट्विटर इंडिया के प्रतिनिधियों से बात की. नाराज आईटी मंत्रालय ने ट्विटर इंडिया के अधिकारियों को सख्त संदेश दिया कि वो या तो भारतीय कानून का पालन करें या फिर भारत के कानूनों के मुताबित सजा पाने को तैयार रहें. सरकार ने साफ कर दिया कि वो अभिव्यक्ति की आजादी का समर्थन करते हैं और निंदा का भी स्वागत करते है लेकिन संविधान की धारा 19(2) के तहत ये आजादी शत प्रतिशत नहीं है बल्कि इस पर थोडा लगाम लगाने के लिए एक संवैधानिक दायरा भी है. सुप्रीम कोर्ट के कई फैसलों ने इन दायरों को सही भी ठहराया है. ट्विटर को ये संदेश दे दिया गया है कि एक बिजनेस ग्रुप की तरह वो भले ही अपने लिए लाख नियम बनाए लेकिन उन्हें ये याद रखना होगा कि भारत की संसद द्वारा पारित कानूनों का पालन करना भी उनके लिए अनिवार्य होगा.
पिछले साल भी ट्विटर ने भारत के नक्शे को गलत तरीके से दिखाया था तब आईटी सचिव ने ट्विटर के सीईओ जैक डोरसी को एक कड़ी चिट्ठी लिखकर भारत सरकार की ओर से आपत्ति दर्ज़ कराई थी. 18 अक्टूबर को ट्विटर ने अपने प्लेटफॉर्म पर लेह की जिओ-टैग लोकेशन को जम्मू कश्मीर-चीन में दिखाया था. आईटी सचिव ने ट्विटर को स्पष्ट किया है कि लेह केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख का हिस्सा है और लद्दाख तथा जम्मू और कश्मीर भारत के अभिन्न हिस्से हैं जो भारत के संविधान द्वारा शासित है. ट्विटर को स्पष्ट शब्दों में ये भी कहा गया कि उन्हें भारत के लोगों की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए. ट्विटर द्वारा भारत की सम्प्रभुता और अखंडता- जो नक़्शे द्वारा भी परिलक्षित होती है और इसके साथ किया गया अपमान स्वीकार नहीं किया जाएगा और ये कानून का भी उल्लंघन होगा. ट्विटर को कड़ी चेतावनी देते हुए आईटी सचिव ने लिखा है कि ऐसे कार्यों से न सिर्फ ट्विटर की साख गिरती है बल्कि ट्विटर की तटस्थता और निष्पक्षता पर भी सवाल उठते हैं. सरकार के तेवर देखने के बाद ट्विटर ने अपनी गलती को सुधारा भी था.
हद तो तब हो गई जब किसान आंदोलन के दौरान ट्वीटर ने अमेरिका के कैपिटल हिल पर हुए प्रदर्शन को लेकर ट्रम्प के ट्वीट को ब्लॉक किया लेकिन 26 जनवरी लाल किले पर प्रदर्शन को ट्विटर ने अभिव्यक्ति की आजादी माना था. सरकार के बार-बार नोटिस के बावजूद ट्विटर आईटी मंत्रालय द्वारा चिह्नित गलत ट्विटर हैंडलों को लेकर पुख्ता फैसला नहीं ले पाया. फिर सरकार की नाराजगी देखते ही बनती थी. गुस्सा जाहिर करने में आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी देर नहीं लगाई. गुरुवार को राज्यसभा में बोलते हुए उन्होंने जता दिया कि ट्विटर की गतिविधियों से सरकार संतुष्ट नहीं है. रवि शंकर प्रसाद ने ट्विटर को याद दिलाया कि वो एक सोशल मीडिया एप से ज्यादा एक बिजनेस समूह है और वो भारत के संविधान के दायरे में ही काम करे तो बेहतर होगा. रविशंकर प्रसाद ने माना कि सोशल मीडिया ने लोगों को सशक्त किया है लेकिन सोशल मीडिया का दुरुपयोग हिंसा के लिए किया गया तो कारवाई होगी. प्रसाद ने बताया कि सरकार ने फेक न्यूज बस्ट करने का एक प्लेटफार्म भी बनाया है.ट्वीटर, फेसबुक, लिंकडिन,वॉट्सएप का सम्मान करते है लेकिन उन्हें भारत के संविधान के दायरे मे ही रहना होगा. जाहिर है सरकार इस प्लेटफार्म से दो-दो हाथ करने का मन बना चुकी है.
उधर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ऐलान किया है ट्विटर के जवाब में स्वदेशी ब्लागिंग प्लेटफॉर्म कु (Koo) को अब आगे बढ़ाएगी. भारतीय माइक्रो ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म कु को एक कंप्टीशन के बाद आईटी मंत्रालय ने चुना था और माना जा रहा है कि ये ट्विटर को भारत का स्वदेशी जवाब है. ये पीएम मोदी के आत्मनिर्भर भारत के सपने का एक हिस्सा है, जिसमें अपने देश में भारतीयों के हाथों विकसित ऐप को अपनाने की अपील पीएम मोदी ने की थी. पीएम मोदी ने अपने पिछली ‘मन की बात’ में भी इस एप्प का जिक्र किया था। यही वजह है कि अब भारतीय माइक्रो ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म कु को मोदी सरकार के मंत्री तरजीह दी रहे हैं. लाखों फॉलोवर वाले केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, पीयूष गोयल और स्मृति ईरानी ने कु प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल शुरू कर दियाहै. जल्द ही दूसरे मंत्री भी कु का इस्तेमाल करेंगे.
तय है कि भारत के कानूनों के मुताबिक तमाम सोशल मीडिया साइट्स को काम करना होगा. रविशंकर प्रसाद ने सैकेड़ों चीनी एप बैन कर साबित कर दिया कि मोदी सरकार सिर्फ व्यापारिक हित में नहीं देश हित में कड़े फैसले लेने से नहीं हिचकती है.