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अब WhatsApp पर मिलेगी नौकरी की जानकारी, इस नंबर पर लिखकर भेजें Hi, सरकारी चैटबॉट करेगा मदद

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सरकार की इस पहल से व्यक्ति को WhatsApp नंबर पर ‘Hi’ लिखकर भेजना होगा. उसके बाद चैटबॉट के जरिए उस व्यक्ति को उसके गृह राज्य में स्किल के हिसाब से नौकरी की जानकारी मिल जाएगी.

भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) ने लोगों की जरूरत को ध्यान में रखते हुए WhatsApp पर एक नई सुविधा शुरू की है. सरकार की इस पहल से वाट्सऐप पर सिर्फ एक ‘Hi’ लिखकर भेजने से व्यक्ति को अपने गृह राज्य में स्किल के हिसाब से नौकरी की जानकारी मिल जाएगी. ये काम विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) द्वारा शुरू किए गए एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) चैटबॉट से हो सकेगा.

SAKSHAM नाम के पोर्टल से मिलेंगी जानकारी
साइंस एंड टेक्नोलॉजी डिमार्टमेंट की टेक्नोलॉजी इनफॉर्मेशन फोरकास्ट और एव्युलूशन काउंसिल (TIFAC) ने श्रम शक्ति मंच (SAKSHAM) नामक एक पोर्टल बनाया है. इस पोर्टल से उस क्षेत्र के मजदूरों को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) से वाट्सऐप के माध्यम से जोड़ने का काम किया जाएगा. इसके बाद लोगों को आराम से अपने क्षेत्र में नौकरी व अवसरों के बारे में जानकारी मिल जाएगी.

इस नंबर पर लिखकर भेजना होगा Hi
इस सुविधा का लाभ लेने के लिए 7208635370 WhatsApp नंबर पर Hi लिखकर भेजना होगा. उसके बाद चैटबॉट के जरिए उस व्यक्ति से उनके कार्य अनुभव व स्किल के बारे में जानकारी मांगी जाती है. प्राप्त जानकारी के आधार पर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम यूजर को उसके आस पास उपलब्ध नौकरी के बारे में जानकारी देता है.

कैसे काम करता है ये चैटबॉट
इस पोर्टल में देशभर के MSMEs को उस क्षेत्र के नक्शे के माध्यम से जोड़ा जाएगा. उसके बाद नौकरियों की उपलब्धता और आवश्यक, स्किल पर डेटा का यूज कर पोर्टल अपने क्षेत्रों में संभावित रोजगार के अवसरों की जानकारी मजदूरों को देगा.

दो भाषा में है उपलब्ध
TIFAC के कार्यकारी निदेशक प्रदीप श्रीवास्तव के अनुसार, इस समय चैटबॉट केवल अंग्रेजी और हिंदी दो भाषओं में उपलब्ध है. इसे अन्य भाषाओं में विस्तारित करने पर काम चल रहा है.

स्मार्टफोन नहीं होने पर इस नंबर दें मिस्ड कॉल
कई व्यक्ति ऐसे भी हैं जिनके पास स्मार्टफोन नहीं है. ऐसे लोग ऑफ़लाइन एडिशन को 022-67380800 पर मिस्ड कॉल देकर एक्सेस कर सकते हैं. इस पोर्टल का उपयोग इलेक्ट्रीशियन, प्लंबर, कृषि श्रमिकों और अन्य लोगों द्वारा किया जा सकता है.

TIFAC के कार्यकारी निदेशक प्रदीप श्रीवास्तव के अनुसार, SAKSHAM की शुरुआत कोरोना महामारी के दौरान हुई थी. महामारी के कारण लगाये गए लॉकडाउन में पूरे देश के लाखों प्रवासी मज़दूर अपने गृहराज्य लौट आए थे.