सुप्रीम कोर्ट ने नौसेना से 6 मार्च 2017 में रिटायर हो चुके एयरक्राफ्ट कैरियर INS विराट को तोड़ने पर रोक लगा दी है। बुधवार को कोर्ट ने एक PIL पर सुनवाई करते हुए स्टे दे दिया। कोर्ट में एनविटेक मरीन कंसल्टेंट्स लिमिटेड नाम की कंपनी ने 100 करोड़ रुपए का भुगतान कर INS विराट को संग्रहालय के तौर पर संरक्षित करने की मांग की थी।
INS विराट ने करीब 30 साल तक समुद्री तटों पर निगरानी की। 2017 में ये रिटायर कर दिया गया था और इसकी जगह INS विक्रमादित्य को नेवी के बेड़े में शामिल किया गया था। अब इसे कबाड़ के तौर पर तोड़ा जा रहा है।
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है नाम
INS विराट को भारत ने 1987 में ब्रिटिश रॉयल नेवी से खरीदा था। उस वक्त विराट का नाम ‘HMS हर्मेस’ था। हालांकि उसके करीब 25 साल पहले से ब्रिटेन नौसेना में काम कर चुका था। UK ने ‘HMS हर्मेस’ को अर्जेंटीना के खिलाफ फॉकलैंड युद्ध दौरान इस्तेमाल किया था। विराट का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में सबसे अधिक समय तक सेवा देने के लिए दर्ज है।
विराट की खासियत
1: करीब 24 हजार टन वजनी विराट की लंबाई करीब 740 फीट और चौड़ाई करीब 160 फीट थी।
2: इस पर 1500 नौसैनिक तैनात होते थे।
3: विराट पर एक समय में तीन महीने का राशन आसानी से रखा जा सकता था।
4: विराट एक बार समंदर में उतरता था तो 90 दिन तक बंदरगाह में वापस नहीं लौटता था।
5: इस पर तैनात सी-हैरियर लड़ाकू विमान और सीकिंग हेलिकॉप्टर विराट की ताकत को काफी बढ़ा देते थे।
6: इस जहाज पर लाइब्रेरी, जिम, टीवी और वीडियो स्टूडियो, अस्पताल, दांतों के इलाज का सेंटर और मीठे पानी का डिस्टिलेशन प्लांट जैसी सुविधाएं थीं।
7: रिटायर किए जाने से पहले 23 जुलाई 2016 को विराट ने अपनी आखिरी यात्रा मुंबई से कोच्चि के बीच की थी।
8: अपने पूरे कार्यकाल में यह 2250 दिनों तक समुद्र में रहा।