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कासगंज कांड: खेतों तक पुलिस न पहुंचे और छिपने-भागने के नदी में यह इंतज़ाम कर रखे थे आरोपियों ने

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हालांकि भागने की कोशिश के दौरान पुलिस ने एक आरोपी को रात में ही मुठभेड़ (Encounter) के दौरान मार गिराया है.

कासगंज (Kasganj) में खेतों के बीच बैठकर कच्ची शराब (Liquor) बनाने वाले बेहद शातिर हैं. पुलिस शराब की भट्टी तक न पहुंचे इसके लिए किसी जंग के मैदान जैसे इंतज़ाम कर रखे थे. अगर किसी तरह से पैदल पुलिस (Police) आ भी जाए तो नदी में भागने और छिपने की पूरी तैयारी की हुई थी. पुलिस भी इनके तरीके देखकर हैरान है.

अगर पुलिस अपनी जीप से आरोपियों की शराब की भट्टी तक पहुंचने की कोशिश करती तो उसे जीप को एक से डेढ़ किमी पहले ही जीप छोड़नी पड़ती थी. क्योंकि आरोपियों ने रास्ते में खेत को जगह-जगह से काट दिया था. ढाई से तीन फीट चौड़े गड्ढे खोद दिए थे. जीप के साथ इन्हें पार करना मुमकिन नहीं होता है. इसलिए जीप छोड़कर पैदल ही उस जगह के लिए बढ़ना होता है जहां शराब की भट्टी लगी होती हैं.

भागने और छिपने के नदी में कर रखे थे यह इंतज़ाम
मौके पर पहुंचे कुछ पुलिसकर्मियों की मानें तो जहां शराब बनती थी, वहां से कुछ ही दूरी पर एक नदी है. इस नदी में आरोपियों की एक नाव हमेशा खड़ी रहती थी. इस नाव का इस्तेमाल आरोपी पुलिस से बचने के लिए नदी के दूसरी ओर पहुंचने को करते थे. इसके साथ ही नदी के किनारे-किनारे पुलिस को कुछ ऐसे गड्ढे खुदे मिले हैं जो आरोपियों ने छिपने के लिए बना रखे थे.

घायल दरोगा ने कही ये बात

घायल दरोगा अशोक पाल ने बताया कि जब वे और सिपाही देवेंद्र मौके पर पहुंचे तो वहां अवैध रूप से कच्ची शराब बन रही थी. मौके पर उनको देखकर मोती और एलकार समेत 6 अन्य ने घेरकर पहले फायरिंग की फिर भाले और डंडों से मारा. इसके बाद मरा हुआ समझकर काफी दूर तक घसीटकर ले गए. माफिया मोती सिंह समेत 8 लोग वारदात में शामिल थे.