कृषि कानूनों (Agriculture Bills) के विरोध में किसानों (Farmers) के देशव्यापी चक्का जाम का असर झारखंड में भी देखने को मिला. राजधानी रांची के बूटी मोड़ पर कई दलों के नेता-कार्यकर्ता सड़क पर उतरे और प्रदर्शन (Protest) किया. प्रदर्शन में राष्ट्रीय जनता दल, वामदल, कांग्रेस, जेएमएम के लोग शामिल थे. इनके साथ झारखंड के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख भी मौजूद रहे. इस वजह से करीब ढाई घंटे तक रांची से बाहर निकलने और अंदर आने पर पाबंदी लगी रही. इससे वाहनों की लंबी कतार लग गई.
इस मौके पर कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि आज पूरे देश में किसान, नौजवान और सभी गठबंधन के दल शांतिपूर्ण तरीके से सड़क पर उतरे हैं. अगर केंद्र सरकार ने कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया, आगे भी हमलोग इसी तरह सदन से सड़क तक आंदोलन करेंगे. 10, 13 और 30 फरवरी को झारखंड में कई जगह कई कार्यक्रम होंगे. कृषि कानूनों पर राज्यों की विधानसभाओं में बहस होनी चाहिए थी, पर ऐसा नहीं हुआ.
चक्का जाम की वजह से बूटी मोड़ पर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं चक्का जाम की वजह से बूटी मोड़ पर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं. करीब 4 किमी का लंबा जाम लग गया. हालांकि इस दौरान एंबुलेंस को आगे निकलने के लिए जगह दी गई. पर जाम होने की वजह से ड्राइवर को एंबुलेंस को आगे निकालने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. रांची स्थित NH-33 लोवाडीह दुर्गा सोरेन चौक को जाम करने से सिल्ली और पुरूलिया से आने वाली गाड़ियों की भी लंबी कतार लग गई. लोगों को इस रूट से जमशेदपुर जाने में समस्या का सामना करना पड़ा. इस रूट पर छोटी गाड़ियां वैकल्पिक रास्तों से निकल गईं, पर बड़े मालवाहक गाड़ियों की लंबी लाइन लग गई. दोपहर ढाई बजे के करीब बूटी मोड़ में सड़क जाम खोल दिया गया.