IOR Seminar: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हिंद महासागर क्षेत्र के देशों के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भारत अब मिसाइल प्रणाली, हल्के लड़ाकू विमान / हेलीकॉप्टर, बहुद्देशीय हल्के परिवहन विमान, जंगी जहाज और गश्ती पोत, तोप प्रणाली आदि की आईओआर देशों को आपूर्ति करने के लिए तैयार है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) ने कहा है कि हिंद महासागर क्षेत्र (Indian Ocean Region) के देशों को भारत मिसाइल एवं इलेक्ट्रॉनिक युद्धक प्रणाली समेत विभिन्न हथियार प्रणाली की आपूर्ति करने के लिये तैयार है. आईओआर देशों के रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय आयोजन ‘एयरो इंडिया-2021’ समारोह के इतर आईओआर देशों का कनक्लेव आयोजित करना भारत द्वारा साझा विकास और स्थिरता की दृष्टि तथा उनके साथ देश की रचनात्मक संबंधों को महत्व दिये जाने को दर्शाता है.
रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘हमारी कोशिश हिंद महासागर में संसाधनों एवं प्रयासों का समन्वय करना है, जिसमें भाग लेने वाले देशों के बीच रक्षा उद्योग एवं अन्य औद्योगिक सहयोग शामिल हैं.’’ उन्होंने कहा कि आईओआर के बहुत से देश वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बन रहे हैं और नयी प्रौद्योगिकी का विकास कर रहे हैं, जिसमें रक्षा शिपयार्ड के लिये डिजाइन और जहाज निर्माण शामिल हैं, जिन्हें क्षेत्रीय सहयोग के प्रयासों के माध्यम से संयुक्त रूप से तैयार किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि भारतीय एयरोस्पेस एवं रक्षा उद्योग विदेशी कंपनियों के लिये एक आकर्षक एवं महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करते हैं.
हथियार प्रणाली की आपूर्ति करने के लिए तैयार भारत
सिंह ने कहा, ‘‘भारत विभिन्न प्रकार की मिसाइल प्रणाली, हल्के लड़ाकू विमान / हेलीकॉप्टर, बहुद्देशीय हल्के परिवहन विमान, जंगी जहाज और गश्ती पोत, तोप प्रणाली, टैंक, रडार, सैन्य वाहन, इलेक्ट्रॉनिक युद्धक प्रणाली एवं अन्य हथियार प्रणाली आईओआर देशों को आपूर्ति कराने के लिये तैयार है.’’
रक्षा मंत्री ने कहा कि हिंद महासागर क्षेत्र दुनिया द्वारा साझा किए गए महासागरीय कॉमन्स का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनाता है. यह क्षेत्र, मानव इतिहास के एक बड़े हिस्से के लिए, समाजों के विकास के लिए केंद्रीय रहा है और इसने भाषाई देशों के बीच संबंधों पर हमेशा के लिए प्रभाव डाला है.
राजनाथ सिंह ने कहा कि हिंद महासागर क्षेत्र संसाधनों के एक निरंतर स्रोत के रूप में कार्य करता है, विशेष रूप से मत्स्य पालन, जलीय कृषि, महासागर ऊर्जा, समुद्र-बिस्तर खनन और खनिजों के क्षेत्र में. यह समुद्री पर्यटन और शिपिंग गतिविधियों को विकसित करने के लिए जबरदस्त आर्थिक अवसर प्रदान करता है.
अपने पड़ोसियों के सुरक्षित रखना जरूरी मानता है भारत
सिंह ने कहा कि भारत, हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी भू-रणनीतिक स्थिति के कारण, तटीय राज्यों के साथ समुद्री चरित्र, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध के साथ-साथ एकता और एकजुटता के माध्यम से समुद्री पड़ोसी को सकुशल और सुरक्षित रखना महत्वपूर्ण मानता है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हमारे नौसैनिक विदेशी सहयोग के चार स्तंभ, जो क्षमता निर्माण, क्षमता बढ़ाना, सहकारी सहभागिता और सहयोगात्मक प्रयास हैं, इनका राष्ट्रीय महत्व है और निकट और दूर के क्षेत्रों में भारत की पहुंच और क्षमताओं को बदलने के लिए निर्धारित हैं.
रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत सरकार के विज़न SAGAR के तत्वावधान में, और सामूहिक समुद्री क्षमता के निर्माण के लिए हमारी प्रतिबद्धता के अनुरूप, हम हर तरह की सहायता प्रदान करके अपने समुद्री पड़ोसियों की सहायता करने का प्रयास करते हैं.
राजनाथ सिंह ने कहा कि हमारी नौसेना ने कोविड-19 महामारी के दौरान किए गए ऑपरेशन ‘समुद्र सेतु’ के तहत इस क्षेत्र से लगभग 4,000 भारतीय नागरिकों को सफलतापूर्वक निकाला. ये मिशन हमारे समुद्री पड़ोसियों की सहायता के बिना सफल नहीं हो सकता था. (ANI के इनपुट सहित)