वित्त मंत्रालय को उम्मीद है कि सार्वजनिक क्षेत्र के 3 बैंक अगले 2 महीनों में रिजर्व बैंक (RBI) के तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई (PCA) नियम से बाहर आ जाएंगे। यह कदम बैंकों की वित्तीय स्थिति में सुधार को देखते हुए उठाया जाएगा।
इंडियन ओवरसीज बैंक (IOB), सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और यूको बैंक फिलहाल पीसीए व्यवस्था के अंतर्गत हैं। इसके तहत संबंधित बैंकों पर कर्ज देने, प्रबंधन क्षतिपूर्ति और निदेशकों को भुगतान समेत अन्य चीजों पर पाबंदी लगाई जाती है।
पिछली दो तिमाही से बेहतर कर रहे ये बैंक
वित्तीय सेवा सचिव देबाशीष पांडा ने कहा कि “वास्तव में ये तीनों बैंक पिछली दो तिमाहियों से लाभ के मामले में बेहतर कर रहे हैं और RBI के लगभग सभी मानदंडों को पूरा कर रहे हैं।” उन्होंने कहा “ये बैंक कर्ज देने समेत अन्य सभी काम कर रहे हैं लेकिन कुछ पाबंदियां हैं। हमें उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष के समाप्त होने से पहले वे PCA के दायरे से बाहर आ जाएंगे।”
इन बैकों को उपलब्ध कराई जाएगी अतिरिक्त पूंजी
उन्होंने यह भी कहा कि अगर नियामक ने जोर दिया तो इन बैंकों के लिए अतिरिक्त पूंजी उपलब्ध कराई जाएगी। सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लिए 20 हजार करोड़ रुपए की पूंजी रखी है।
क्या हैं PCA के मायने?
PCA की व्यवस्था के तहत बैंकों से कुछ रिस्की गतिविधियों से परहेज करने, कामकाजी दक्षता बढ़ाने और पूंजी की हिफाजत पर जोर देने के लिए कहा जाता है। PCA के तहत आ जाने वाले बैंक पर कई तरह की रोक लग जाती हैं। वो अपनी शाखा की संख्या नहीं बढ़ा सकता है। उसे डिविडेंड का भुगतान करने से रोक दिया जाता है। लोन पर सीमा तय कर दी जाती है।