Great Relief: अशोक गहलोत सरकार ने अपने 12 लाख कर्मचारियों को बड़ी राहत देते हुए GPF, CPF और अन्य बचत योजनाओं की ब्याज दरों में कोई कटौती नहीं करने का निर्णय लिया है. ब्याज दर 7.1% ही रहेगी.
राज्य की अशोक गहलोत सरकार (Ashok Gehlot Government) ने प्रदेश के करीब साढ़े 12 लाख सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों को बड़ी राहत दी है. राज्य सरकार ने जीपीएफ, सीपीएफ और अन्य बचत योजनाओं (GPF, CPF and other savings schemes) में ब्याज दरें स्थिर रखने का निर्णय लिया है. सरकार ब्याज दरों में कटौती नहीं करेगी. राज्य के वित्त विभाग की ओर से जारी परिपत्र के अनुसार जीपीएफ, सीपीएफ और अन्य बचत योजनाओं में 7.1% ब्याज दर ही रहेगी. परिपत्र के अनुसार ये ब्याज दरें 1 जनवरी 2021 से लागू मानी जाएंगीं. ये 31 मार्च 2021 तक प्रभावी रहेंगी.
पूर्व में 1 अप्रैल से 30 जून 2020 तक भी थी यही ब्याज दर थी. उससे पहले की 3 तिमाही में ब्याज दर 7.9% थी. गहलोत सरकार ने 30 अप्रैल, 2020 को जीपीएफ और सीपीएफ के तहत जमा राशि पर मिलने वाली ब्याज दर में 0.8 फीसदी की कटौती की थी. इस कटौती से सरकारी कर्मचारियों को बड़ा झटका लगा था. सरकार ने ब्याज दर घटाकर 7.1 फीसदी कर दी थी.
हर 3 महीने में होती है समीक्षा
उल्लेखनीय है कि राज्य में जीपीएफ पर मिलने वाले ब्याज दर की समीक्षा हर 3 महीने की जाती है. कोरोना महामारी के कारण इससे पहले भी राज्य एवं केंद्र सरकार ब्याज दरों में कटौती कर चुकी है. इस बार भी कटौती करने का खतरा मंडरा रहा था. लेकिन राज्य सरकार ने कर्मचारियों के हित में फिलहाल ब्याज दरें स्थिर रखने का निर्णय लिया है.
सेवानिवृत्ति के बाद मिलता है लाभ
जीपीएफ अकाउंट में सरकारी कर्मचारी को इंस्टॉलमेंट में एक निश्चित वक्त तक योगदान देना होता है. अकाउंट होल्डर जीपीएफ खोलते वक्त नॉमिनी भी बना सकता है. अकाउंट होल्डर को रिटायरमेंट के बाद इसमें जमा पैसों का भुगतान किया जाता है. वहीं अगर अकाउंट होल्डर को कुछ हो जाये तो नॉमिनी को भुगतान किया जाता है. कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन से राज्य सरकार की अर्थव्यवस्था जबर्दस्त को झटका लगा है. लॉकडाउन के चलते अप्रैल में सरकार की आय में भारी गिरावट आ गई थी.