Kisan Protest: तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने कहा कि हमें तो यह लगता ही नहीं कि नीतीश कुमार भी कभी समाजवादी नेता रहे हैं. छात्र नाराज हैं, किसान नाराज हैं, शिक्षक नाराज हैं और महिलाओं के साथ अत्याचार हो रहे हैं. फिर भी सत्ता से चिपके हुए हैं.
किसान आंदोलन (Kisan Aandolan) के समर्थन में महागठबंधन (Grand Alliance) की ओर से बिहार में 30 जनवरी को मानव श्रृंखला बनाई जाएगी. इसको लेकर महागठबंधन में शामिल दलों के शीर्ष नेताओं की बैठक राबड़ी आवास पर बुलाई गई. इसके बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने मानव श्रृंखला में शामिल होने के लिए बिहार के लोगों का आह्वान किया. उन्होंने दावा किया कि बिहार के लोग इसे सफल बनाएंगे.
तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में भी जल्द से जल्द बाजार समिति व मंडी की व्यवस्था लागू होनी चाहिए. उन्होंंने कहा कि हमें पूरा विश्वास है कि बिहार के किसान भी उसी धारा में आएंगे जिस तरीके से हरियाणा, पंजाब व पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान इस किसान आंदोलन में शामिल हो रहे हैं.
उन्होंने बिहार की नीतीश सरकार को भी कठघरे में खड़ा करने की कोशिश की और कहा कि एमएसपी से भी आधी कीमतों पर फसलों की खरीद हो रही है. डीजल का दाम महंगा किया जा रहा है और न तो मुआवजा ही दिया जा रहा है. किसान जाएगा तो कहां जाएगा. क्या करेगा किसान. इसलिए हमलोगों का दायित्व बनता है कि किसानों का साथ दें और उनकी आवाज बनें.
तेजस्वी यादव ने कहा कि नीतीश सरकार झूठे वादे करती है. सात निश्चय वन हो या सात निश्चय दो सब में घपला है घोटाला है. सिर्फ अपना कुर्सी के बचाव में लगे हुए हैं. मुख्यमंत्री का जनता से कोई संपर्क नहीं है. मुख्यमंत्री का एक ही अभियान है कि जोड़-तोड़ किसी भी प्रकार से कुर्सी उनके हाथ से नहीं जानी चाहिए.
तेजस्वी ने कहा कि हमको तो नहीं लगता कि नीतीश जी की कोई विचारधारा भी है. जिनकी कोई नीति नहीं, कोई सिद्धांत नहीं उनपर क्या कहा जा सकता है. मुझे तो संदेह है कि नीतीश जी कभी समाजवादी विचारधारा से जुड़े रहे हैं. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि लोकतंत्र के मंदिर को खत्म किया जा रहा है, उसको बंद कराया जा रहा है, लेकिन नीतीश जी ने एक भी शब्द नहीं कहा और न ही कोई ट्वीट किया.
राजद नेता ने कहा कि हमें तो यह लगता ही नहीं कि नीतीश कुमार भी कभी समाजवादी नेता रहे हैं. छात्र नाराज हैं, किसान नाराज हैं, शिक्षक नाराज हैं और महिलाओं के साथ अत्याचार हो रहा है. फिर भी सत्ता से चिपके हुए हैं.