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वैक्सीन गणित: पड़ोसी देशों पर क्यों मेहरबान है भारत? मुफ्त में करोड़ों डोज भेजने की हो रही तैयारी

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Covid-19 Vaccine: भारत (India) की सूची में सेशेल्स और म्यांमार का भी नाम है. वहीं, क्लीयरेंस मिलने के बाद श्रीलंका, अफगानिस्तान और मॉरिशिस भी सप्लाई की जाएगी. देशों को ये वैक्सीन अलग-अलग चरण में मिलेंगी.

हाल ही में कोरोना वायरस (Corona Virus) वैक्सीन के क्षेत्र में तैयार हुए भारत ने अब पड़ोसी देशों की मदद करना शुरू कर दिया है. पड़ोसी मुल्कों को अनुदान के आधार पर बड़ी संख्या में वैक्सीन भेजी जा रही हैं. बुधवार को भूटान, मालदीव, नेपाल समेत कई देशों में वैक्सीन भेजे जाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. खास बात है कि कई देशों को भारत एक अनुदान के तौर पर वैक्सीन दे रहा है

बुधवार को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of India) में तैयार हुई वैक्सीन के 1 लाख 50 हजार डोज भूटान भेजे गए. वहीं, 1 लाख डोज मालदीव के लिए रवाना किए गए हैं.

हालांकि, बाद में मालदीव सरकार ने सीरम इंस्टीट्यूट से 3 लाख वैक्सीन की डील करने का फैसला किया है. यहां की कुल आबादी 5 लाख है. भारत की तरफ से उठाए गए इस वैक्सीन मदद के कदम को कई तरह से देखा जा रहा है.

मालदीव्स (Maldives) के मामले में बात करें, तो यहां पर चीन का प्रभाव है. बीते साल नवंबर में माले पहुंचे विदेश सचिव हर्ष वर्धन श्रृंगला (Harsh Vardhan Shringla) ने ऐलान किया था कि जब भी वैक्सीन तैयार हो जाएंगी, तो मालदीव को प्राथमिकता दी जाएगी. भारत ने कई बार पड़ोसी मुल्कों की मदद के मामले में भारत और चीन (China) के बीच एक फर्क रखने की कोशिश की है. मालदीव के मामले में ही देखें, तो विकास कार्यों के चलते यह देश चीन का कर्जदार हो गया है. वहीं, भारत ने कई बार यह साफ किया है कि किसी भी डील के जरिए देश को गुलाम बनाना भारत का मकसद नहीं है. मुफ्त वैक्सीन भी इसी बात पर जोर देती हैं.
एक और पड़ोसी देश है नेपाल (Nepal), जो इस समय कथित रूप से बीजिंग (Bejing) की ओर अपना रुझान बनाए हुए है. हालांकि, भारत ने नेपाल को कोविड-19 वैक्सीन देने का वादा किया है. फिलहाल दोनों देश कुछ समय पहले शुरू हुए सीमा विवाद से जूझ रहे हैं. दोनों देशों के बीच कई बार मुलाकात हो चुकी है, लेकिन हाल ही में हुई एक संयुक्त बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा नहीं की गई. इस बैठक के बाद जारी बयान में कहा गया था कि दोनों देशों के बीच महामारी के दौरान आपसी सहयोग पर बात की गई थी.

बयान में कहा गया था ‘नेपाल, भारत को कोविशील्ड और कोवैक्सीन की सफलता पर बधाई देता और नेपाल को पहले वैक्सीन देने के प्रावधान का निवेदन करता है.’ वहीं, नेपाल के प्रधानमंत्री पी शर्मा ओली ने बयान दिया था कि भारत में मिला स्ट्रेन इटली या चीन के स्ट्रेन से ज्यादा संक्रामक है. नेपाल ने देश में भारतीय की एकतरफा एंट्री पर भी रोक लगा दी है.

नेपाल की तरह ही भारत एक और पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश से भी कुछ तल्ख रिश्तों का सामना कर रहा था. हालांकि, बीते साल अगस्त में वहां पहुंचे श्रृंगला ने बांग्लादेश को वैक्सीन देने का वादा किया था. नागरिकता संशोधन कानून और असम में एनआरसी लागू होने पर ढाका की असहमति के बाद श्रृंगला के दौरे को काफी अहम माना जा रहा था. वहीं, 2019 में विदेश मंत्री अब्दुल मोमीन ने नाराजगी जताते हुए भारत का दौरा रद्द कर दिया था. बांग्लादेश के साथ अपने इस वादे को पूरा करते हुए भारत यहां 20 लाख मुफ्त डोज भेज रहा है.

इन देशों के अलावा भारत की सूची में सेशेल्स और म्यांमार का भी नाम है. वहीं, क्लीयरेंस मिलने के बाद श्रीलंका, अफगानिस्तान और मॉरिशिस भी सप्लाई की जाएगी. देशों को ये वैक्सीन अलग-अलग चरण में मिलेंगी. खास बात है कि भारत में वैक्सीन कार्यक्रम जारी है. ऐसे में भारत पड़ोसी पहले के नारे को बुलंद कर रहा है, बल्कि यह भी सुनिश्चित कर रहा है कि इम्युनिटी बढ़ाने और संक्रमण रोकने के साथ-साथ बेहतर काम के जरिए क्षेत्र में चीन के प्रभाव को बेअसर कर सके.