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Farmers Protest: किसानों की ट्रैक्टर रैली में दखल देने से SC का इनकार- 10 बड़ी बातें

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Kisan Andolan: सुप्रीम कोर्ट की ओर से बनाई गई कमेटी को लेकर उठ रहे सवालों पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रवैया दिखाया. चीफ जस्टिस एसए बोबडे (CJI SA Bobde) ने कहा, ‘आपको कमेटी के समक्ष पेश नहीं होना मत हो, लेकिन किसी को इस तरह ब्रांड न करे. इस तरह किसी की छवि को खराब करना सही नहीं है.’

Farmers Protest: मोदी सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च (Kisan Tractor Rally) निकालने पर अड़े हुए हैं. केंद्र सरकार की तरफ से दिल्ली पुलिस ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिस पर आज सुनवाई हुई. अदालत ने ट्रैक्टर मार्च को लेकर कोई भी आदेश देने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने कहा, ‘किसानों के ट्रैक्टर मार्च या किसी प्रदर्शन के खिलाफ सरकार की अर्जी पर कोई आदेश जारी नहीं करेंगे. केंद्र सरकार को अपनी अर्जी वापस लेनी चाहिए. हम पहले ही कह चुके हैं कि इस बारे में पुलिस को फैसला लेने दें.’

वहीं, सुप्रीम कोर्ट की ओर से बनाई गई कमेटी को लेकर उठ रहे सवालों पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रवैया दिखाया. चीफ जस्टिस एसए बोबडे (CJI SA Bobde) ने कहा, ‘आपको कमेटी के समक्ष पेश नहीं होना मत हो, लेकिन किसी को इस तरह ब्रांड न करे. इस तरह किसी की छवि को खराब करना सही नहीं है.’ CJI ने कहा कि पब्लिक ओपिनियन को लेकर अगर आप किसी की छवि को खराब करेंगे तो कोर्ट सहन नही करेगा. कमेटी के सदस्यों को लेकर इस तरफ चर्चा की जा रही है. हम केवल मामले की संवैधानिकता तय करेंगे.

आइए जानते हैं कि किसान आंदोलन पर आज की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट में क्या-क्या हुआ…
-सॉलिसिटर जनरल ने बहस की शुरुआत की और कहा कि मामले की सुनवाई 25 जनवरी को करें. CJI ने SG को कहा की हम पहले ही कह चुके है ये मामला पुलिस का है. हम इस मामले में कोई आदेश नही देंगे. अथॉरिटी के तौर पर आप आदेश जारी करें.

-वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि वे अपनी ट्रैक्टर रैली के साथ गणतंत्र दिवस मनाने जा रहे हैं और शांति भंग नहीं करेंगे. CJI ने कहा कि कृपया दिल्ली के नागरिकों को शांति का आश्वासन दें. एक अदालत के रूप में हम अपनी चिंता व्यक्त कर रहे हैं.

-भूषण ने कहा कि किसानों ने कहा है कि शांति होगी. CJI ने ट्रैक्टर रैली को लेकर कहा कि भूषण अपने मुवक्किल से बात करें कि सब कुछ शांतिपूर्ण कैसे होगा? AG ने कहा कि करनाल में किसानों ने पंडाल तोड़ दिया. कानून व्यस्था को लेकर दिक्कत हुई थी. CJI ने कहा कि हम इस पर कुछ अब कहना नहीं चाहते.

-कमेटी को लेकर किसानों के विरोध पर सीजेआई ने कहा कि कमेटी के सभी मेंबर अपनी फील्ड के एक्सपर्ट हैं. इसमें पक्षपात जैसी कोई बात नहीं है. हमने कमेटी को किसानों की समस्याओं सुनने की शक्ति दी है. कमेटी कोई फैसला नहीं देगी. कमिटी सिर्फ हमें रिपोर्ट देगी.’

-सीजेआई ने सख्त लहजे में कहा कि जो लोग कमेटी के मेंबर की आलोचना कर रहे हैं कि उनमें क्षमता नहीं है? ऐसा किस आधार पर कहा जा रहा है? क्या आप उन सदस्यों पर आरोप लगा रहे हैं.

-कमेटी को अभी किसी तरह की शक्ति नहीं मिली है. इसे सिर्फ राय के लिए बनाया गया है. जब तक कोई ठोस विषय सामने नहीं रखा जाता, तब तक ये सब बातें न करें. ये बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. अदालत ने इस याचिका पर भी नोटिस जारी कर दिया है. कोर्ट ने कहा है कि अटॉर्नी जनरल को इसका जवाब देना चाहिए.

-ट्रैक्टर रैली को लेकर ही किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि हम दिल्ली में ट्रैक्टर रैली निकालकर रहेंगे, हमें कौन रोकेगा. दिल्ली भी किसानों की है और गणतंत्र दिवस भी किसानों का है. राकेश टिकैत बोले कि पुलिस हमें क्यों रोकेगी, हम ट्रैक्टरों पर आ रहे हैं और किसी को नुकसान नहीं पहुंचाएंगे.

-ट्रैक्टर रैली को लेकर दिल्ली पुलिस ने कहा कि कोई भी रैली या ऐसा विरोध जो गणतंत्र दिवस समारोह में खलल डालने की कोशिश करता है, वह देश को शर्मिंदा करने वाला होगा. इससे दुनियाभर में देश की बदनामी होगी. कानून-व्यवस्था खराब होने की स्थिति बन सकती है.

-अलग-अलग रिपोर्ट्स का हवाला देकर कहा गया है कि कई किसान गणतंत्र दिवस की परेड में खलल डालने के लिए लाल किले तक पहुंचने की तैयारी कर रहे हैं.

-बुधवार को सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने अदालत में वकीलों को सलाह दी कि वो किसानों से अपील करें कि ट्रैक्टर रैली को शांति के साथ निकालें.