India China Dispute: अगर भारत को अलकायदा प्रतिबंध कमेटी की अध्यक्षता का मौका मिलता तो यह उसके लिए काफी अहम होता. क्योंकि इस कमेटी के पास किसी भी आतंकी संगठन और संदिग्ध व्यक्ति पर प्रतिबंध लगाने के अधिकार होते हैं.
चीन (China) लगातार भारत (India) के खिलाफ साजिश रचने से बाज नहीं आता है. चाहे वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) की बात हो या फिर पाकिस्तान (Pakistan) के साथ मिलकर साजिश रचने की बात और या फिर अंतरराष्ट्रीय मंच, चीन हर जगह भारत के खिलाफ कदम उठाने की कोशिश करता है. इस बार भी चीन ने यही किया है. दरअसल चीन ने संयुक्त राष्ट्र (United Nations) में आतंकियों को बैन करने वाली कमेटी की अध्यक्षता भारत को मिलने पर रोक लगवा दी है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार चीन की ओर से जिस कमेटी में भारत की अध्यक्षता को लेकर अड़ंगा लगाया गया है, उसका नाम अलकायदा प्रतिबंध कमेटी है. यही वो कमेटी है, जिसने कई अंतरराष्ट्रीय आतंकियों पर प्रतिबंध लगाए थे. इनमें मसूद अजहर, हाफिज सईद और लश्कर ए तैयबा के खूंखार आतंकी शामिल हैं.
बता दें कि भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य के तौर पर 1 जनवरी से कार्यकाल की शुरुआत की थी. भारत को इस दौरान काउंटर टेररिज्म कमेटी और तालिबान व लीबिया प्रतिबंध कमेटी की अध्यक्षता सौंपी गई थी. लेकिन बाद में चीन ने भारत को मिलने वाली अलकायदा प्रतिबंध कमेटी की अध्यक्षता पर अड़ंगा लगा दिया है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में चीन ही ऐसा देश है जो कमेटी की भारत की अध्यक्षता का विरोध कर रहा है.
चीन के विरोध के कारण ऐसा पहली बार होगा कि तालिबान प्रतिबंध कमेटी और अलकायदा प्रतिबंध कमेटी की अध्यक्षता पहली बार अलग-अलग देश करेंगे. क्योंकि अब तक ऐसा होता था कि दोनों कमेटी की अध्यक्षता एक ही देश करता था. लेकिन अब भारत तालिबान प्रतिबंध कमटी की अध्यक्षता करेगा तो नॉर्वे इस बार अलकायदा प्रतिबंध कमेटी की अध्यक्षता करेगा.
अगर भारत को अलकायदा प्रतिबंध कमेटी की अध्यक्षता का मौका मिलता तो यह उसके लिए काफी अहम होता. क्योंकि इस कमेटी के पास किसी भी आतंकी संगठन और संदिग्ध व्यक्ति पर प्रतिबंध लगाने के अधिकार होते हैं.