CSD Canteens: एएफडी-1 श्रेणी में उपरोक्त सामानों के अलावा एयर प्यूरीफायर, होम थियेटर, मोबाइल फोन इत्यादि कीमती सामान आते हैं. सीएसडी कैंटीनों का इस्तेमाल सशस्त्र सुरक्षा बलों के कर्मी और पूर्व कर्मचारी करते हैं.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने सीएसडी कैंटीन (CSD Canteens) के जरिये वाशिंग मशीन, माइक्रोवेव ओवन, फ्रिज, एयर कंडिशनर, टीवी और लैपटॉप समेत कीमती समानों की ऑनलाइन ब्रिकी के लिये शुक्रवार को एक पोर्टल लांच किया. सिंह ने ट्विटर पर लिखा, ‘पोर्टल से लगभग 45 लाख सीएसडी (कैंटीन स्टोर्स डिपार्टमेंट) लाभार्थी घर बैठके एएफडी-1 सामान खरीद सकेंगे.’
एएफडी-1 श्रेणी में उपरोक्त सामानों के अलावा एयर प्यूरीफायर, होम थियेटर, मोबाइल फोन इत्यादि कीमती सामान आते हैं. सीएसडी कैंटीनों का इस्तेमाल सशस्त्र सुरक्षा बलों के कर्मी और पूर्व कर्मचारी करते हैं. सिंह ने ट्वीट किया, ‘सरकार
सशस्त्र बलों के सभी जवानों और अधिकारियों तथा पूर्व कर्मियों के कल्याण के लिये प्रतिबद्ध है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा प्रतिपादित डिजिटल इंडिया मिशन के तहत आज यह ऑनलाइन पोर्टल लांच किया गया है.’
सैन्य अभियानों की तैयारी की समीक्षा के लिए भदौरिया ने किया पूर्वी वायु कमान का तीन दिवसीय दौरा
वायु सेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने पूर्वी वायु कमान का अपना तीन दिवसीय दौरा बृहस्पतिवार को पूरा किया और इस दौरान उन्होंने विभिन्न स्थानों पर तैनात वायुसेना की इकाइयों की सैन्य अभियान संबंधी तैयारियों की समीक्षा की. एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि भदौरिया ने इन तीन दिन में कमान क्षेत्र में विमानों के उतरने के लिए उन्नत क्षेत्रों और वायुसेना स्टेशनों का दौरा किया. बयान में कहा गया कि वायुसेना प्रमुख ने बल में जारी बदलाव के लिए अहम क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया. उन्होंने सिक्किम और पूर्वोत्तर सेक्टरों में काम कर रहे परिवहन एवं हेलीकॉप्टरबेड़े के वायुसेना कर्मियों के साथ उड़ान भरी.
वायुसेना ने बयान में कहा कि भदौरिया ने दुर्गम क्षेत्रों और अत्यधिक चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में काम करते हुए सैन्य अभियानों और मानवीय सहायता कार्यों को पूरा करने में वायुसेना कर्मियों के शानदार योगदान की प्रशंसा की. गौरतलब है कि सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश की सीमाएं चीन के साथ लगती हैं. भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में आठ महीने से सीमा गतिरोध चल रहा है, जिसने दोनों देशों के संबंधों में तनाव पैदा हो गया. दोनों देशों ने गतिरोध को दूर करने के लिए विभिन्न स्तरों पर राजनयिक और सैन्य वार्ताएं की हैं. हालांकि, अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है.