बढ़ते ऑनलाइन फ्रॉड को ध्यान में रखते हुए आरबीआई ने कुछ व्यवस्था बनाई है जिसके तहत बैंक की तरफ से अगर कोई गलती होती है तो ऐसी स्थिति में बैंक उसका जिम्मेदार होगा.
इंटरनेट और टेक्नोलॉजी की दुनिया में हम साल दर साल आगे बढ़ते जा रहे हैं. डिजिटल पेमेंट और नेट बैंकिंग ने भी काफी तरक्की की है. जैसे- जैसे डिजिटल पेमेंट बढ़ रहे हैं उसी तरह तेजी से ऑनलाइन फ्रॉड भी ज्यादा होने लगे हैं. पिछले कुछ सालों में ऑनलाइन ट्रांजेक्शन में फ्रॉड के काफी सारे मामले सामने आए हैं. अब सवाल ये उठता है कि हैकर्स अगर आपके खाते से ऑनलाइन फ्रॉड करके पैसे निकाल लेते हैं तो इसकी जिम्मेदारी किसकी होगी. क्या बैंक इसकी भरपाई करेगा या फिर आप खुद. आज हम आपके इन्हीं सवालों के जवाब देंगे.
किसकी होगी जिम्मेदारी
बढ़ते ऑनलाइन फ्रॉड को ध्यान में रखते हुए आरबीआई ने कुछ व्यवस्था बनाई है जिसके तहत बैंक की तरफ से अगर कोई गलती होती है तो ऐसी स्थिति में बैंक उसका जिम्मेदार होगा. वहीं अगर ऐसी स्थिति हो जहां गलती न तो बैंक की हो और न ही ग्राहक की तो ऐसे ट्रांजेक्शन की सूचना मिलने के तीन दिनों के अंदर शिकायत दर्ज कराने पर नुकसान की जिम्मेदारी ग्राहक की नहीं होगी.
ऐसे मामलों में ग्राहक की होगी जिम्मेदारी
इसके अलावा अगर कहीं ग्राहक की लापरवाही के चलते अकाउंट से पैसे कट गए हैं मसलन किसी ने फोन पर आपसे आपकी बैंक डिटेल के साथ ओटीपी मांगा और आपने दे दिया तो ऐसी स्थिति में बैंक की कोई जिम्मेदारी नहीं वह नुकसान ग्राहक को खुद उठाना पड़ेगा. वहीं अगर आपके साथ ऑनलाइन फ्रॉड हुआ है और आपने इसकी जानकारी बैंक को न दी हो तो ये नुकसान भी ग्राहक को ही झेलना होगा.
बैंक को देनी होगी अनऑथराइज्ड ट्रांजेक्शन की जानकारी
वहीं अगर ऐसी स्थिति हो जहां गलती न तो बैंक की है और न ग्राहक की, लेकिन अकाउंट से पैसे डेबिट होने की सूचना मिलने के चार से सात दिन बाद बैंक को यह जानकारी देनी होगी. ऐसे में ग्राहक की सीमित जिम्मेदारी होगी. इस तरह के मामले में ग्राहक पर 5,000 रुपये से 25,000 रुपये तक दायित्व बनता है. यह आपके खाते के प्रकार पर निर्भर करेगा.
बोर्ड से मंजूर पॉलिसी के मामले में किसकी जिम्मेदारी होगी
ग्राहक द्वारा अनऑथराइज्ड ट्रांजेक्शन की जानकारी सात कार्यदिवस के बाद देने पर दायित्व बैंक के बोर्ड की मंजूरी से बनी पॉलिसी पर डिपेंड करेगा. ऐसे मामले में गैर-कानूनी ट्रांजेक्शन में शामिल राशि को बैंक ग्राहक के खाते में अधिसूचना की तारीख से 10 कार्यदिवस में डालेंगे. इस मामले में बैंक को ग्राहक की शिकायत का निपटारा करना होगा. शिकायत मिलने के 90 दिन के अंदर बैंक को ग्राहक की जिम्मेदारी तय करनी होगी.