दिल्ली बॉर्डर पर किसान आंदोलन का आज 40 वां दिन है. सबसे अहम सवाल ये है कि क्या आज सरकार के साथ किसानों की होने वाली अगले दौर की बातचीत के बाद आंदोलन खत्म हो जाएगा? किसान संगठनों ने बातचीत फेल होने पर आंदोलन तेज करने का ऐलान किया है.
अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्लाह ने कहा, ‘मुख्य एजेंडा है कि तीन कानूनों को वापस लेना और MSP को कानूनी दर्जा देना है. इसमें कोई कानूनी समस्या नहीं है. यह राजनीतिक इच्छा का सवाल है. अगर सरकार कॉर्पोरेट के साथ है तो वापस नहीं लेगी और अगर किसान के साथ है तो जरूर वापस लेगी.’
सिंघु बॉर्डर से किसान नेता विज्ञान भवन के लिए रवाना
किसान संगठनों के नेता सरकार से अगले दौर की बातचीत के लिए सिंघु बॉर्डर से रवाना हो चुके हैं. कुछ देर में किसान नेता विज्ञान भवन पहुंच जाएंगे.
कुछ देर में किसान सिंघु बॉर्डर से रवाना होंगे
सरकार और किसान संगठनों के बीच आज दोपहर दो बजे आठवें दौर की बैठक होनी है. किसान नेताओं ने बस में बैठना शुरू कर दिया है. कुछ देर में सिंघु बॉर्डर से किसान बैठक के लिए रवाना होंगे.
सिंघु बॉर्डर पर एक शख्स ने ट्रक को बना दिया घर
किसानों के समर्थन में सिंघु बॉर्डर पहुंचे हरप्रीत सिंह मट्टू ने अपने ट्रक को ही एक अस्थाई घर में बदल दिया. जालंधर से आए हरप्रीत सिंह किसान आंदोलन में अपना समर्थन देने सिंघु बॉर्डर पहुंचे हुए हैं. हरप्रीत को जब घर की याद आने लगी तो उन्होंने अपने ट्रक को घर में तब्दील कर दिया. हरप्रीत द्वारा बनाए गए इस अस्थाई घर में हर सुविधा मौजूद है. ट्रक में बाथरूम से लेकर टीवी तक लगा हुआ है. हरप्रीत ने ट्रक में बाकायदा सोने के लिए बेड और बैठने के लिए सोफा लगाया हुआ है.
आज सरकार के साथ होने वाली बैठक पर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा, उम्मीद है कि सरकार बात मान ले, अगर मांगें पूरी नहीं होती तो आंदोलन चलेगा.
रिलायंस का बयान- हम किसानों से कोई खरीद नहीं करते
रिलायंस का कहना है कि तीनों कृषि कानूनों से उसका कोई लेना-देना नहीं है और यह तीनों कानून कंपनी को किसी भी तरह से फायदा नहीं पहुंचाते हैं. कंपनी ने कभी भी कॉरपोरेट या कॉन्ट्रैक्ट खेती नहीं की है और ना ही कंपनी का भविष्य में इस व्यापार में उतरने का कोई इरादा है. रिलायंस ने कहा, कंपनी ने पंजाब हरियाणा या फिर भारत में कहीं भी कॉरपोरेट या कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के लिए कोई जमीन नहीं खरीदी है. कंपनी ने साफ किया कि भविष्य में भी ऐसा कोई इरादा कंपनी का नहीं है. वह सीधे तौर पर किसानों से कोई खरीद नहीं करती है.