केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) की 10वीं, 12वीं की परीक्षाओं के बारे में स्पष्ट करते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि बोर्ड परीक्षायें ऑफलाइन माध्यम से करवाई जायेगीं. स्टूडेंट्स के हितों को देखते हुए कक्षा 10वीं, 12वीं बोर्ड की परीक्षाओं को करवाना अत्यंत आवश्यक है. हालांकि अभी कक्षा 10वीं, 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं की तारीखों के बारे में कोई घोषणा नहीं की गई है. लेकिन कक्षा 10वीं, 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं फरवरी बाद कराई जा सकती हैँ.
केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने मंगलवार 22 दिसंबर को केंद्रीय बोर्ड के शिक्षकों से ऑनलाइन कॉन्फ्रेंस करते हुए बताया कि सीबीएसई की परीक्षाएं रद्द नहीं होंगी. उन्होंने कहा कि परीक्षाएं निश्चित रूप से होंगी, क्योंकि छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए परीक्षाएं कराना बहुत ही जरूरी है.
क्या बोर्ड परीक्षा का स्थगन संभव है? क्या इसमें तीन माह की देरी हो सकती है? के जवाब में केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा, कि “मोदी सरकार स्टूडेंट्स के साथ है. हम लगातार छात्रों के साथ बात कर रहे हैं. हमने कोरोना काल में JEE Main और NEET जैसी बड़ी परीक्षाएं कराईं. बिहार चुनाव में इन परीक्षाओं का उदाहरण लिया गया. जनवरी-फरवरी में बोर्ड परीक्षाएं नहीं होंगी. फरवरी माह तक इसे कराना संभव नहीं होगा. फरवरी के बाद परीक्षाएं कब कराई जा सकती है, इस पर मंथन करेंगे. आगे सूचना दी जाएगी. लगातार बातचीत चल रही है.
शिक्षा मंत्री के इस कथन से यह उम्मीद की जा सकती है कि सीबीएसई बोर्ड परीक्षाओं की डेट शीट जनवरी 2021 में जारी की जा सकती है. हालांकि सीबीएसई परीक्षा 2021 डेटशीट/शेड्यूल जारी होने के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी.
जब ऑनलाइन पढ़ाई करायी जा सकती है तब ऑनलाइन परीक्षा क्यों नहीं ली जा सकती? का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा कि अभी भी कुछ संख्या में स्टूडेंट्स को शिक्षा तक एक समान पहुंच उपलब्ध नहीं है, ऐसे छात्रों के लिये लैपटाप और स्थिर इंटरनेट उपलब्ध कराना होगा. और ऐसे में इस तरीके से परीक्षा लेना उचित नहीं होगा.
उन्होंने कहा कि हम नहीं चाहते हैं कि छात्रों पर कोविड – 19 का ठप्पा लगे और कोई यह न कहें कि कोविड के काल की डिग्री है इसलिए आवेदन न करें.
सीबीएसई ने अप्रैल से अगस्त के बीच करीब 4.80 लाख शिक्षकों को ऑनलाइन पढ़ाने की ट्रेनिंग दीहै. वहीँ केवीएस ने 15 हजार और जवाहर नवोदय विद्यालय (जेएनवी) ने 9 हजार से ज्यादा शिक्षकों को ट्रेनिंग दी है.
उन्होंने कहा कि कोरोना काल में शिक्षक एक योद्धा की भांति काम किया, उन्होंने स्टूडेंट्स का सत्र बर्बाद नहीं होने दिया.
उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में कक्षा 6वीं से ही वोकेशनल स्ट्रीम आ रही है. इंटर्नशिप के साथ पढ़ाई होगी. अब ज्ञान किताब तक ही सीमित नहीं रह जायेगा.