बीजेपी (BJP) की गांव- गांव में एलईडी स्क्रीन के ज़रिये ज़्यादा से ज़्यादा किसानों को संवाद कार्यक्रम में शामिल करने की तैयारी है.
कृषि क़ानूनों को लेकर चल रहे किसानों के आंदोलन के बीच 25 दिसम्बर को यानि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन पर हर ब्लॉक में बीजेपी किसानों के साथ संवाद कार्यक्रम करेगी. वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली से वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिये किसानों को सम्बोधित करेंगे. कृषि क़ानूनों से जुड़ी ख़ास बातों को लेकर पीएम मोदी किसानों से रू- ब- रू होंगे. किसान संवाद कार्यक्रम के लिए कृषि विभाग को नोडल विभाग बनाया गया है. इस दिन सभी मंत्री अपने- अपने ज़िलों में प्रवास करेंगे और किसानों के साथ पीएम मोदी के संवाद कार्यक्रम को सफल बनाने का जिम्मेदारी निभाएंगे. गांव- गांव में एलईडी स्क्रीन के ज़रिये ज़्यादा से ज़्यादा किसानों को संवाद कार्यक्रम में शामिल करने की तैयारी है.
साथ ही कहा जा रहा है कि इन कार्यक्रम के जरिए बीजेपी किसान आंदोलन का बड़े पैमाने पर जवाब देने की तैयारी कर रही है. अभी तक की योजना के मुताबिक, यूपी के 826 ब्लॉकों में भव्य वर्चुअल प्रोग्राम किये जायेंगे. हर ब्लॉक में किसान बिल पर प्रधानमंत्री का संबोधन भी सुनाया जायेगा. वहीं, 25 दिसम्बर को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों के खातों में सम्मान निधि की किश्त भी ट्रांसफ़र करेंगे. इस बार प्रधानमंत्री के संबोधन और अटल निधि के ट्रांसफ़र के अलावा कोई और कार्यक्रम सरकार की तरफ से नहीं किया जायेगा. यूपी के तमाम मंत्री किसानों तक केंद्र सरकार की पूरी कृषि योजना के पैम्पलेट छपवाकर बंटवायेंगे.
एक बड़े लक्ष्य के साथ जोड़ना है
बता दें कि आज सुबह पीएम मोदी ने ASSOCHAM के फाउंडेशन वीक में मुख्य भाषण दिया. कार्यक्रम में टाटा इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष रतन टाटा भी मौजूद थे. इस दौरान पीएम ने कहा कि बीते 100 सालों से आप सभी देश की अर्थव्यवस्था को, करोड़ों भारतीयों के जीवन को बेहतर बनाने में जुटे हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि अब आने वाले वर्षों में आत्मनिर्भर भारत के लिए आपको पूरी ताकत लगा देनी है इस समय दुनिया चौथी औद्योगिक क्रांति की तरफ तेज़ी से आगे बढ़ रही है. नई टेक्नॉलॉजी के रूप में चुनौतियां भी आएंगे और अनेक समाधान भी.इसलिए आज वो समय है, जब हमें प्लान भी करना है और एक्ट भी करना है. हमें हर साल के, हर लक्ष्य को राष्ट्र निर्माण के एक बड़े लक्ष्य के साथ जोड़ना है.