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जम्मू: रेलवे का दावा- किसान आंदोलन के चलते 2000 से 2400 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ

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जम्मू में एक सवाल के जवाब में उत्तरी रेलवे के जनरल मैनेजर आशुतोष गंगल ने कहा कि किसान आंदोलन के चलते रेलवे को 2000 से 2400 करोड़ का नुकसान उठाना पड़ा है.

कश्मीर घाटी को साल 2022 के अंत तक रेल मार्ग से जोड़े जाने की संभावना है. रेलवे का दावा है कि किसान आंदोलन के चलते उसे 2000 से 2400 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. जम्मू में मीडिया से बात करते हुए उत्तरी रेलवे के जनरल मैनेजर आशुतोष गंगल ने दावा किया कि कश्मीर घाटी को रेल मार्ग से जोड़ा जा सकता है. उन्होंने कहा कि कश्मीर को रेल मार्ग से जोड़ने तीन चरणों में काम चल रहा है. जिसमें पहले चरण में 118 किलोमीटर क़ाज़ीगुंड-बरमुल्ला, 18 किलोमीटर बनिहाल-क़ाज़ीगुंड का काम पूरा हो चुका है.

वहीं दूसरे चरण में उधमपुर से कटरा के 25 किलोमीटर ट्रैक का काम भी पूरा हो चुका है. जबकि, कटरा से बनिहाल के 111 किलोमीटर के तीसरे चरण का काम जारी है. कटरा-बनिहाल का काम इस रेलवे प्रोजेक्ट का सबसे दुर्गम काम है क्योंकि इस चरण में 87 प्रतिशत का ट्रैक सुरंगों से गुज़ारना है. उन्होंने कहा कि कटरा-बनिहाल रेलवे ट्रैक पर जारी काम कुल 111 किलोमीटर का है जिसमें से 97 किलोमीटर पर सिर्फ सुरंगें हैं.

आशुतोष गंगल ने कहा कि कटरा-बनिहाल रूट पर बहुत सारे रेलवे स्टेशन सुरंगों या रेलवे पुल के ऊपर हैं. उन्होंने कहा कि इस परियोजना में विश्व की सबसे उन्नत और आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है. रेलवे के जनरल मैनेजर ने दावा किया कि इस परियोजना के लिए भारतीय रेल पहली बार रिजिड ओवरहेड सिस्टम का इस्तेमाल कर रही है. उन्होंने कहा कि यह सारी परियोजना 28000 करोड़ की है जिसमें से 15000 करोड़ का खर्चा अभी तक रेलवे कर चुकी है.

इसी चरण में रेलवे विश्व के सब से ऊंचे रेलवे पुल पर भी काम कर रही है. आशुतोष गंगल के मुताबिक, कश्मीर से रेल पहुंचाने के लिए 12.75 किलोमीटर की भारत की सबसे लम्बी रेलवे सुरंग पर भी काम चल रहा है. एक सवाल के जवाब में आज उन्होंने कहा कि मौजूदा किसान आंदोलन के चलते रेलवे को 2000 से 2400 करोड़ का नुकसान उठाना पड़ा है