पिछले कुछ दिनों से Railway के निजीकरण की खबरें सोशल मीडिया पर तेजी फैल रही है. उसी बीच एक और खबर सामने आई है जिसमें दावा किया जा रहा है कि रेलवे के निजीकरण के साथ ही मासिक पास और वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली सुविधाएं बंद हो जाएंगी. आइए जानते हैं क्या सच में ऐसा होने वाला है.
सोशल मीडिया पर काफी दिनों से एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें दावा किया जा रहा है कि भारतीय रेलवे (Indian Railways) का पूरी तरह से निजीकरण किया जाएगा. इस खबर में दावा किया जा रहा है कि रेलवे के निजीकरण के साथ ही मासिक पास और वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली छूट, जैसी सुविधाएं भी बंद कर दी जाएंगी. ये मैसेज ट्विटर से लेकर वॉट्सऐप पर भी काफी वायरल हो गया. इस पोस्ट के वायरल होने से लोगों के बीच टेंशन का माहौल पैदा हो गया है. इस खबर से ट्रेनों के किराए को लेकर भी कई सवाल खड़े होने लगे हैं. क्या सच में यात्रियों को मिलने वाली सुविधाओं को बंद कर दिया जाएगा, आइए जानते हैं इसकी सच्चाई…
PIB फैक्ट चेक में आया सच सामने
वायरल पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि ‘भारतीय रेलवे (Indian Railways) का पूरी तरह से निजीकरण किया जाएगा और साथ ही मासिक पास और वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली छूट, जैसी सुविधाएं समाप्त कर दी जाएंगी.’ पीआईबी की फैक्ट चेक टीम ने इसे पूरी तरह फर्जी बताया है और कहा कि रेलवे का कोई निजीकरण नहीं होना जा रहा है.
PIB Fact Check ने अपने आधिकारिक ट्विटर पर लिखा, #PIBFactCheck: यह दावा फर्जी है. केंद्र सरकार द्वारा ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है.
सोशल मीडिया पर एक वीडियो में दावा किया जा रहा है कि भारतीय रेल का पूरी तरह से निजीकरण किया जायेगा और साथ ही मासिक पास तथा वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली छूट, जैसी सुविधाएँ समाप्त कर दी जाएंगी।#PIBFactCheck: यह दावा फर्जी है। केंद्र सरकार द्वारा ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है। pic.twitter.com/rC79pwmSqN
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) December 11, 2020
पीयूष गोयल ने कहा, रेलवे जनता की है और हमेशा रहेगी
गौरतलब है कि इससे पहले भी पिछले दिनों केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने भी बयान में कहा था कि रेलवे का निजीकरण नहीं किया जाएगा. भारतीय रेल जनता की है और जनता की रहेगी. उन्होंने अलवर जिले के डिगावडा में बांदीकुई तक 34 किलोमीटर के रेल ट्रैक का विद्युतीकरण का उद्घाटन के दौरान यह बात कही थी. उन्होंने कहा था कि भारतीय रेल का निजीकरण नहीं किया जाएगा. इतने सालों से जो रेल का विकास होना चाहिए वह अभी तक नहीं हुआ है इसलिए भारतीय रेल पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत भागीदारी की जा रही है.