भारत और अमेरिका से तनाव के बीच चीन ने अपने परमाणु हथियार कार्यक्रम में काफी तेजी से आगे बढ़ना शुरू कर दिया है. फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट के न्यूक्लियल इंफॉर्मेशन प्रोजक्ट के मुताबिक चीन के परमाणु हथियार बढ़कर अब 350 हो गए हैं.
एक तरफ चीन (China) लगातार शांतिवार्ता में शामिल है और अंतरराष्ट्रीय मंचों से भी भारत के साथ सीमा विवाद (India-China Standoff) सुलझाने के प्रति प्रतिबद्धता जाहिर कर रहा है. द्प्प्री तरफ चीन तेजी से अपने परमाणु हथियारों का जखीरा बढ़ा रहा है और भारत के साथ गलवान में हुई झड़प के बाद चीन ने अपने परमाणु हथियारों के आधुनिकीकरण के कार्यक्रमों को और तेज कर दिया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि एशिया में परमाणु हथियारों की संख्या के मामले में चीन पहले स्थान पर काबिज है. अब वह नए-नए किस्म के परमाणु हथियारों को विकसित कर रहा है.
फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट के न्यूक्लियल इंफॉर्मेशन प्रोजक्ट के डॉयरेक्टर हेंस एम क्रिस्टेंसेन की रिपोर्ट न्यूक्लियल नोटबुक: चाइनीज न्यूक्लियल फोर्स 2020 में चीन के परमाणु महत्वकांक्षाओं का खुलासा किया गया है. जिसमें कहा गया है कि पानी के अंदर परमाणु हथियारों की तैनाती के लिए चीन बड़ी संख्या में पनडुब्बियों का भी निर्माण कर रहा है.
इस रिपोर्ट में चीन के सभी परमाणु बमों और उनकी ताकत के बारे में भी बताया गया है. चीन के पास जमीन से परमाणु हमला करने वाली 12 तरह की मिसाइलें हैं. जबकि, चीन की एक-एक मिसाइल हवा और पानी से परमाणु हमला करने में सक्षम है. 2020 के अमेरिकी सेना की रिपोर्ट के अनुसार दावा किया गया था कि चीन के पास 200 एक्टिव परमाणु बम हैं.
हेंस एम क्रिस्टेंसेन ने दावा किया है कि चीन के पास कुल परमाणु बमों की संख्या लगभग 350 के करीब है. इनमें से 240 परमाणु वॉरहेड्स को ऑपरेशनल लैंड-बेस्ड बैलिस्टिक मिसाइलों में फिट किया गया है. जबकि, 48 सी-बेस्ड बैलिस्टिक मिसाइलों और 20 न्यूक्लियर ग्रेविटी बमों में प्रयोग किए गए हैं. बचे हुए वॉरहेड्स को रिजर्व में भी रखा गया है.
बता दें कि भारत में अब 130 से 140 परमाणु बम हैं, जबकि पाकिस्तान के पास 150 से 160 परमाणु बम हैं. अमरीका के पास 6185, रूस के पास 6500, ब्रिटेन के पास 200 और फ्रांस के पास भी 300 परमाणु बम हैं. उत्तर कोरिया ने भी 20 से 30 परमाणु बम बना लिए हैं.
वीडन की संस्था स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट के परमाणु निरस्त्रीकरण, शस्त्र नियंत्रण और अप्रसार कार्यक्रम के निदेशक शेनन काइल के मुताबिक दुनिया में परमाणु हथियारों का कुल उत्पादन कम हो गया है, लेकिन दक्षिण एशिया में यह बढ़ रहा है. इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया में परमाणु बमों की संख्या में कमी आई है लेकिन परमाणु हथियार प्रणालियों के आधुनिकीकरण का काम जारी है. पहले की तुलना में अमरीका, रूस और ब्रिटेन में परमाणु हथियारों की संख्या में कमी आई है.