देशभर में फैले कोरोना वायरस के बीच साइबर फ्रॉड (Bank Fraud) के मामले भी लगातार बढ़ते जा रहे हैं. इस समय लोग ज्यादातर सभी कामों के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे हैं.
देशभर में फैले कोरोना वायरस के बीच साइबर फ्रॉड (Bank Fraud) के मामले भी लगातार बढ़ते जा रहे हैं. इस समय लोग ज्यादातर सभी कामों के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे हैं. इसका फायदा साइबर अपराधियों के द्वारा उठाया जा रहा है. ऐसे में ग्राहकों को फर्जी औऱ गैरकानूनी ऐप से सतर्क रहना सबसे जरूरी है. अगर आप ध्यान नहीं देंगे तो आपके खाते के सारे पैसे गायब हो सकते हैं. इनमें मालवेयर होता है जिसका मकसद बैंक की डिटेल्स चोरी करना होता है और आपकी जीवन भर की कमाई साफ हो जाती है.
आइए आपको बताते हैं कि आप फर्जी बैंकिग ऐप की पहचान किस तरह कर सकते हैं-
1; फर्जी ऐप को डाउनलोड करने से पहले चेक करें कि वह वैलिड है या नहीं.
2; फर्जी ऐप से आपकी मोबाइल फोन की बैटरी बहुत तेजी से खत्म हो सकती है.
3; बैटरी के बार-बार खत्म होना किसी मालवेयर या वायरस की वजह से हो सकता है.
4; ऐप डाउनलोड पेज को भी ध्यान से चेक करें.
5; फोन में कोई भी अलग सी चीज दिखाई दे तो मोबाइल नेटवर्क प्रोवाइडर से संपर्क करें.
सारी पर्सनल जानकारी हो जाती है लीक
आपको बता दें ये फर्जी ऐप सिर्फ आपकी पर्ससनल जानकारी ही चोरी नहीं करते बल्कि आपके फोन को पूरी तरह से हैक कर लेते हैं. अगर आपने इन ऐप को एक्सिस कर लिया तो आपके अकाउंट की सारी जानकारी फ्रॉड करने वालों के पास पहुंच जाती है.
ई-मेल और पासवर्ड भी हो जाते हैं चोरी
कई बार ये आपके पासवर्ड और ईमेल तक के बारे में सभी जानकारी चोरी कर लेते हैं, जिसकी वजह से फाइनेंशियल गड़बड़ी भी हो जाती है. एसएमएस फॉरवर्ड, कॉल को ब्लॉक करना, बैटरी लाइफ को घटाना आदि भी इसके असर हैं.