चीन ने पकिस्तान के साथ भारत की गुजरात सीमा (Gujrat Border) के करीब द्विपक्षीय सैन्य अभ्यास शुरू कर दिया है. यह सैन्य अभ्यास दिसंबर के अंत चलेगा. चीन ने अपने लड़ाकू विमानों (Fighter Plane) और सैनिकों को एक पाकिस्तानी एयरबेस पर (Pakistan Airbase) भेजा है.
चीन ने पकिस्तान के साथ द्विपक्षीय सैन्य अभ्यास (China-Pakistan Joint Army Exercise) के लिए अपने लड़ाकू विमानों (Fighter Planes) और सैनिकों को भारत के गुजरात सीमा के करीब एक पाकिस्तानी एयरबेस (Pakistan Airbase) पर भेजा है. चीनी सेना ने सोमवार शाम को घोषणा की कि वायु सेना की इस ड्रिल का उद्देश्य दोनों ताकतों के “वास्तविक युद्ध प्रशिक्षण” को बेहतर बनाना था. पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (Peoples Liberation Army) ने एक बयान में कहा है कि चीनी वायु सेना के सैनिकों ने 7 दिसंबर को चीन-पाकिस्तान संयुक्त वायु सेना अभ्यास शाहीन (ईगल)- IX में भाग लेने के लिए पाकिस्तान के सिंध में थाटा जिले के भोलारी में पाकिस्तानी वायु सेना के हवाई अड्डे के लिए उड़ान भरी. इस ड्रिल का यह नवीनतम संस्करण पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के साथ चल रहे भारत-चीन सीमा संघर्ष की पृष्ठभूमि में होगा.
दिसंबर के अंत तक चलेगा संयुक्त सैन्य अभ्यास
शाहीन-IX पर दिए संक्षिप्त चीनी बयान में पाकिस्तान के साथ अभ्यास के लिए PLA वायु सेना (PLAAF) की तैनाती का विवरण नहीं दिया गया था लेकिन यह भी कहा जा रहा है कि यह संयुक्त अभ्यास दिसंबर के अंत में समाप्त होगा. यह संयुक्त वायु सेना अभ्यास दोनों सैन्य शक्तियों के 2020 सहयोग योजना की एक उपयोजना है. पीएलए के बयान में कहा गया है कि यह अभ्यास चीन-पाकिस्तान के बीच सैन्य संबंधों के विकास को बढ़ावा देगा और दोनों वायु सेनाओं के बीच व्यावहारिक सहयोग को बढ़ाएगा और दोनों पक्षों के वास्तविक-युद्ध प्रशिक्षण स्तर में सुधार करेगा.
पिछले साल चीन के शिनजियांग में हुआ था शाहीन ड्रिल
शाहीन ड्रिल का पिछले संस्करण सितंबर 2019 में चीन के शिनजियांग में आयोजित किया गया था जिसमें दोनों देशों के लगभग 50 युद्ध विमानों ने इसमें हिस्सा लिया था.
पिछले हफ्ते देश की एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया था कि बड़ी संख्या में चीनी लड़ाकू विमानों ने हाल ही में एक पश्चिमी थिएटर कमान के आसपास गहन अभ्यास की एक श्रृंखला आयोजित की जो भारत चीन सीमा की चौकसी से जुड़ी है. यह एक वायु सेना बेस है जो उत्तर पश्चिमी चीन में एक महत्वपूर्ण रणनीतिक बिंदु पर स्थित है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इस ड्रिल ने चीन की पश्चिमी वायु रक्षा सीमा की सुरक्षा के साथ चीनी सेना की क्षमता बढ़ाने को लक्ष्य कर प्रदर्शन किया है.