भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हवा की दिशा मुख्य रूप से पूर्व की ओर रहेगी और अधिकतम 10 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवा चलेगी.
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रदूषण (Delhi Pollution) अब भी कम नहीं हुआ है. हालांकि राज्य में प्रदूषण की मुख्य वजह मानी जा रही पराली जलाया जाना अब लगभग बंद कर दिया गया है. दिल्ली में शुक्रवार को भी वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई और इसमें सुधार के भी अभी कोई संकेत नहीं हैं. वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) सुबह नौ बजे 364 दर्ज किया गया. गुरुवार को शहर में 24 घंटे का औसत एक्यूआई 341 था. यह बुधवार को 373, मंगलवार को 367, सोमवार को 318 और रविवार को 268 था.
इस बीच केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार को नोटिस भेजा है. पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि पराली जलाना बंद होने के बाद भी दिल्ली में वायु की गुणवत्ता अभी भी बहुत खराब है. केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है. साथ ही बायोमास जलने और धूल जैसे प्रदूषण के कारणों पर कार्रवाई करने के लिए कहा है.’
दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति अभी भी गंभीर
जावड़ेकर ने कहा दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति अभी भी गंभीर है. पराली जलाना बंद हो गया है लेकिन दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक अभी भी ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बना हुआ है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ‘सीपीसीबी की 50 टीमें हर दिन दिल्ली और एनसीआर का निरीक्षण करती हैं और संबंधित एजेंसियों को सलाह और शिकायतें बताती हैं. फिर भी कुछ काम किया जाता है, कुछ नहीं. इसलिए सीपीसीबी ने दिल्ली सरकार को एक नोटिस जारी किया है जिसमें उन शिकायतों पर आवश्यक और त्वरित कार्रवाई करने को कहा गया है कि जो संस्था उन्हें भेजती है
जावड़ेकर ने कहा, ‘दिल्ली सरकार और संबंधित सभी एजेंसियों को कार्रवाई में जुट जाना चाहिए क्योंकि अब पराली जलने पर रोक लग गई है.’ सीपीसीबी ने अपने नोटिस में दिल्ली सरकार से कहा कि वह औद्योगिक गतिविधियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए, जिससे टायर पायरोलिसिस, टायर जलना और अन्य अपशिष्ट पदार्थ आदि से प्रदूषण फैलते हैं.