हाल ही में भारतीय नौसेना (Indian Navy) ने लद्दाख में मौजूद पैंगॉन्ग झील (Pengong Lake) इलाके में मार्कोस (MARCOS) तैनात करने का फैसला किया था. इस तैनाती का मकसद तीनों सेनाओं के बीच एकता को बढ़ाना और खराब मौसम के लिए तैयार करना था.
सीमा पर जारी भारत और चीन (India-China Conflict) की बीच तनाव खत्म नहीं हुआ है. इसी बीच नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह (Admiral Karambir Singh) ने चीन को मुंहतोड़ जवाब देने की बात कही है. एक कार्यक्रम के दौरान सिंह ने सेना की कई योजनाओं और सीमा पर जारी स्थिति पर बात की. खास बात है कि कुछ दिनों पहले आई अमेरिकी आयोग (American Commission) की रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि गलवान (Galwan) में हुई सेना के बीच झड़प में चीन का हाथ था. इस झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे
नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने कहा ‘हमारे सामने कोविड-19 और चीन के LAC बदलने के प्रयासों की दोहरी चुनौती है. नौसेना इन चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार है.’ उन्होंने कहा ‘अगर चीन की तरफ से कोई उल्लंघन होता है, तो हमारे पास हालात से निपटने के लिए एसओपी तैयार है.’ इसके अलावा सिंह ने सीमा पर जारी तनाव के बीच तैयारियों को लेकर भी चर्चा की.
चीन ने हिंद महासागर में छोड़ रखे हैं तीन युद्धपोत
नौसेना ने प्रमुख ने जानकारी दी ‘सेना (Indian Army) और वायुसेना (Indian Airforce) की जरूरतों के अनुसार, हमने कई स्थानों पर P-8I एयरक्राफ्ट तैनात कर दिए हैं. इसके अलावा हमने उत्तरी सीमा के क्षेत्रों में हेरॉन सर्विलांस ड्रोन भी छोड़े हैं.’ उन्होंने बताया कि अब तक हिंद महासागर में चीन ने तीन युद्धपोत हैं. उन्होंने कहा ‘चीन ने साल 2008 के बाद से ही एंटी-पाइरेसी पेट्रोल्स के लिए तीन जहाज बरकार रखे हैं.’
ड्रोन को लेकर तैयार है नौसेना
सिंह ने कहा ‘भारतीय नौसेना ड्रोन्स से हमलों का सामना करने के लिए एंटी ड्रोन उपकरण के तौर पर स्मैश-2000 राइफल खरीद रही है.’ उन्होंने कहा ‘हम इस बात पर एकदम स्पष्ट हैं कि समुद्र में हवाई ताकत की जरूरत है. अगर आप ऐसे राष्ट्र हैं, जो 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना चाहता है और तटों पर सीमित नहीं रहना चाहता.’ नौसेना प्रमुख ने कहा ‘हवाई जहाज वाहक काफी जरूरी हैं.’
उन्होंने तीन सेनाओं के लिए ड्रोन की जरूरत को लेकर भी बात की. सिंह ने कहा ‘तीनों सेवाओं के लिए 30 प्रीडेटर ड्रोन्स का अधिग्रहण जारी है.’ उन्होंने बताया कि इन ड्रोन्स (Drones) में काफी क्षमता होगी. उन्होंने बताया ‘2 प्रीडेटर ड्रोन्स को लीज पर लिया गया है, ताकि हमारी निगरानी की क्षमता में हुई कमी को पूरा किया जा सके.’ उन्होंने बताया कि 24 घंटे की निगरानी क्षमता हमारी निगरानी क्षमता को बनाए रखने में काफी मदद कर रही है. ‘अगर सेना और वायुसेना को उत्तर पूर्व में इनकी जरूरत पड़ती है, तो हम विचार कर सकते हैं.’
हाल ही में नौसेना ने लद्दाख में मौजूद पैंगॉन्ग झील इलाके में मार्कोस तैनात करने का फैसला किया था. इस तैनाती का मकसद तीनों सेनाओं के बीच एकता को बढ़ाना और खराब मौसम के लिए तैयार करना था. चीन के साथ जारी विवाद की स्थिति को लेकर सिंह ने कहा ‘नौसेना की गतिविधियां भारतीय सेना और वायुसेना के साथ तालमेल में हैं.’