लंबे समय से राजनीतिक नियुक्तियों का इंतजार नेताओं और कार्यकर्ताओं को इसके लिये तय किये फॉर्मूले (Formula) से परेशानी हो सकती है.
राजनीतिक नियुक्तियों (Political appointments) का इतंजार कर रहे कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं की किस्मत जल्द ही खुलने वाली है. उनका यह इंतजार जल्द ही खत्म होने वाला है. निकाय और पंचायत चुनाव (Local Body and Panchayat Elections) के बाद सरकार इन राजनीतिक नियुक्तियों को अमली जामा पहनायेगी. लेकिन मापदंडों (Parameters) के फेर में इनमें एक पेंच फंस गया है. यह पेंच कई कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं पर भारी पड़ सकता है.
दरअसल राजनीतिक नियुक्तियों के लिए एक मापदण्ड लगभग तय कर लिया गया है. इसके तहत जिन नेताओं और कार्यकर्ताओं को निकाय और पंचायत चुनाव में टिकट मिल चुका
उन्हें राजनीतिक नियुक्तियां नहीं मिलेंगी. इस फार्मूले पर लगभग सहमति बन गई है. यह मापदंड कई नेताओं और कार्यकर्ताओं को परेशान कर सकता है. चुनाव जीतने वाले तो इस दौड़ से बाहर हो ही जायेंगे. लेकिन चुनाव हारने वालों के सामने इससे बड़ा संकट पैदा हो जायेगा. वे न तो जनप्रतिनिधि बन पायेंगे और ना ही उन्हें कोई राजनीतिक नियुक्ति मिल पायेगी.
लंबे समय से राजीनितिक निुयक्तियों का इंतजार कर रहे हैं नेता
कांग्रेस कार्यकर्ता और नेता लंबे समय से राजीनितिक निुयक्तियों का इंतजार कर रहे हैं. सरकार बने हुये करीब दो वर्ष पूरे होने को आ रहे हैं और अभी तक राजनीतिक नियुक्तियां नहीं हो पाई है. इससे नेता और कार्यकर्ता कशमसा रहे हैं. राजनीतिक नियुक्तियों के नाम पर करीब दो साल उन्हें कोरा आश्वासन ही दिया जा रहा है. कभी कोई अड़ंगा आ जाता है तो कभी कोई. इससे राजनीतिक नियुक्तियों की आस पाले बैठे नेता और कार्यकर्ता आजिज आ चुके हैं. वे लगातार दो साल से अपनी सरकार की तरफ टकटकी लगाये देख रहे हैं. लेकिन अब शायद जल्द ही उनकी उम्मीदों को पंख लगने वाले हैं.