Home देश बैंक और Amazon-Flipkart के बीच सांठ-गांठ से देश के व्यापारियों को हो...

बैंक और Amazon-Flipkart के बीच सांठ-गांठ से देश के व्यापारियों को हो रहा बड़ा नुकसान, वित्त मंत्री तक पहुंचा मामला

37
0

बैंक कम्पटीशन एक्ट 2002 की धारा 3 (1) का सीधा उल्लंघन कर देश में छोटे व्यवसायों के लिए बड़े पैमाने पर रुकावट पैदा का रहे हैं. भारतीय स्टेट बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक, सिटी बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, एचएसबीसी बैंक, आरबीएल बैंक भारत के व्यापारियों और नागरिकों के बीच भेदभावपूर्ण रवैया अपना रहे हैं.

देश के कई बड़े बैंकों पर गंभीर आरोप लगे हैं. आरोप कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने लगाए हैं. बैंकों पर आरोप है कि वो अमेजन (Amazon), फ्लिपकार्ट (Flipkart) समेत दूसरी ई-कॉमर्स कंपनियों से खरीदारी करने पर 10 फीसद तक का कैशबैक दे रहे हैं. बैंकों पर रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) के फेयर प्रैक्टिस कोड के उल्लंघन का भी आरोप लगा है. यह देश के व्यापारियों के खिलाफ एक साजिश है. कैट ने यह भी आरोप लगाया है कि बैंक और ई कॉमर्स (E-Commerce) कंपनियों का नापाक गठजोड़ कम्पटीशन एक्ट 2002 का भी सीधे तौर पर उल्लंघन करता है. कैट ने इसे लेकर वित्तमंत्री से शिकायत की है. साथ ही पूरे मामले की जांच कराए जाने की मांग भी की है.

कैट ने वित्तमंत्री को यह लिखा है लैटर में-कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने आरोप लगाते वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को भेजे अपने लैटर में कहा है, “मौजूदा परिस्थितियों के मद्देनज़र हम आपके दरवाजे पर दस्तक देने को मजबूर हो गए हैं, क्योंकि देश के अनेक बैंक अपनी मनमर्जी से ई कॉमर्स कंपनियों के साथ गठबंधन कर देश के व्यापारियों के व्यापार को प्रतिस्पर्धा से बाहर रखने की साजिश में शामिल हैं. वित्त मंत्री के तौर पर आप इस मामले का तुरंत संज्ञान लें और बैंकों की इस मनमानी को तत्काल रोकें और इस गंभीर मामले की जांच कराई जाए. यह भी पता लगाया जाए कि आखिरकार बैंक किस आधार पर 10 प्रतिशत का कैश बैक या डिस्काउंट ई कॉमर्स पोर्टल से खरीद पर दे रहे हैं. कैट ने इस संबंध में एक लैटर केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को भी भेज कर इस मुद्दे पर दखल देने की मांग की है.

देश के इन बड़े बैंकों पर लगा है यह गंभीर आरोप-कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने वित्तमंत्री और वाणिज्य मंत्री से शिकायत करते हुए कहा है, बैंक कम्पटीशन एक्ट 2002 की धारा 3 (1) का सीधा उल्लंघन कर देश में छोटे व्यवसायों के लिए बड़े पैमाने पर रुकावट पैदा का रहे हैं. भारतीय स्टेट बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक, सिटी बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, एचएसबीसी बैंक, आरबीएल बैंक भारत के व्यापारियों और नागरिकों के बीच भेदभावपूर्ण रवैया अपना रहे हैं.
यह बैंक अमेजन और फ्लिपकार्ट समेत दूसरे ई कॉमर्स पोर्टल से माल खरीदने पर अपने बैंक के कार्ड से उसका भुगतान करने पर 10 फीसदी का कैश बैक और अन्य प्रोत्साहन दे रहे हैं. हैरानी की बात यह है कि यदि उसी बैंक के कार्ड का इस्तेमाल करके वो ही उत्पाद ऑफलाइन बाजार से खरीदा जाता है, तो संबंधित बैंक कोई कैश बैक या प्रोत्साहन नहीं दे रहा है.

आरबीआई की तरफ से निष्पक्ष व्यवहार संहिता बनाया गया है जिसमें कहा गया है कि प्रत्येक बैंक के पास क्रेडिट कार्ड संचालन के लिए एक अच्छी तरह से प्रलेखित नीति और निष्पक्ष व्यवहार संहित होनी चाहिए.

बैंकिंग कोड्स एंड स्टैंडर्ड्स ऑफ इंडिया ने जुलाई 2006 में ग्राहकों के लिए बैंक की प्रतिबद्धताओं का कोड जारी किया था जिसे दिसंबर 2006 में एक दिशानिर्देश नोट के रुप में अधिकांश बैंकों ने अपनी स्वीकृति के साथ अपनाया था। कैट ने मांग की है कि इस पूरे मामले पर आरबीआई भी जांच करे।