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चीन के दावे की निकली हवा! रिसर्च करने वाले वैज्ञानिक ने कहा- वुहान को नहीं दी क्लीन चिट

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वैज्ञानिकों ने चीन के उस दावे को सिरे से नकार दिया है जिसमें कोरोना वायरस फैलने की शुरुआत वुहान से नहीं बल्कि इटली से होने की बात कही गयी थी. रिसर्च टीम से जुड़े वैज्ञानिकों ने कहा कि चीन ने काफी वक़्त तक मामले छुपाए जिससे इसकी शुरुआत का पता लगाना नामुमकिन हो गया है.

चीन (China) ने बीते दिनों दावा किया था कि एक रिसर्च में सामने आया है कि वुहान से पहले ही इटली में कोरना वायरस (Coronavirus) के संभावित मरीज सामने आ चुके थे. इस रिसर्च के आधार पर चीन का दावा था कि कोरोना वायरस पिछले साल वुहान शहर में फैलने से पहले इटली में फैल चुका था. इससे यह आरोप बेबुनियाद साबित हुआ है कि कोरोना वायरस वुहान से फैला था. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता झाओ ल‍िलिआन ने कहा कि इस अध्‍ययन में यह भी पता चला है कि वायरस के स्रोत का सवाल एक ‘जटिल प्रश्‍न’ और यह संभवत: कई देशों में विकसित हुआ.

हालांकि अब चीनी प्रवक्‍ता के इस दावे को कोरोना अध्‍ययन सेजुड़े वैज्ञानिकों ने ही खारिज कर दिया है. अध्‍ययन में शामिल वैज्ञानिक गिओवन्‍नी अपोलोने ने कहा कि उनके शोध में चीन से कोरोना वायरस फैलने की संभावना को खारिज नहीं किया गया है. उन्‍होंने कहा, ‘हम जानते हैं कि चीन ने कोरोना वायरस फैलने की घोषणा करने में देरी की, इसलिए यह नहीं कहा जा सकता है कि वहां पर कब कोरोना वायरस संक्रमण फैलना शुरू हुआ.’ इस रिसर्च के मुताबिक चीन ने घोषणा में देरी कर मामले को और जटिल बना दिया जिससे ये पता लगाना लगभग नामुमकिन हो गया कि ये आखिर फैलना कहां से शुरू हुआ था.

चीन ने छुपाने के चक्कर में फैला दिया
रिसर्च में कहा गया है कि कोरोना वायरस चुपचाप तरीके से चीन में फैल रहा था इस पर या तो ध्यान नहीं दिया गया या फिर इसे छुपाने के चक्कर में और ज्यादा फैला दिया गया. इसके बाद यह उत्‍तरी इटली में आया. उन्‍होंने कहा कि चीन का उत्‍तरी इटली के साथ बहुत घनिष्‍ठ व्‍यवसायिक संबंध है. ऐसे में चीन से इटली जाने की आशंकाएं या फिर इटली से चीन में फ़ैल जाने की आशंका से भी इनकार नहीं किया जा सकता. वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से अब तक आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक साढे़ पांच करोड़ लोग संक्रमित हुए हैं और 13 लाख लोग मारे गए हैं.

छह गुना ज्यादा हो सकती है संक्रमितों की संख्या

इस बीच एक अध्ययन के अनुसार कोविड-19 महामारी के कारण वैश्विक संक्रमणों की वास्तविक संख्या अब तक ज्ञात मामलों की तुलना में छह गुना तक अधिक हो सकती है. ऑस्ट्रेलियाई नेशनल यूनिवर्सिटी (एएनयू) और यूनिवर्सिटी ऑफ मेलबर्न के शोधकर्ताओं के अनुसार मार्च और अगस्त के दौरान 15 देशों में संक्रमण की दर दर्ज मामलों की तुलना में औसतन 6.2 गुना अधिक थी. रॉयल सोसायटी ओपन साइंस नामक पत्रिका में प्रकाशित रिपोर्ट के अुनसार ब्रिटेन, फ्रांस, बेल्जियम और इटली में कोरोना वायरस संक्रमण दर ज्ञात मामलों की तुलना में बहुत अधिक है तथा इटली के मामले में तो यह 17 गुना अधिक है.

अध्ययन में कहा गया है कि अप्रैल के अंत में 15 देशों के बीच ऑस्ट्रेलिया में संक्रमण का पता लगाने का सबसे अच्छा स्तर था लेकिन संक्रमण की दर अब भी अगस्त के अंत में आधिकारिक तौर पर बताई गई संख्या की तुलना में पांच गुना अधिक हो सकती है. शोधकर्ताओं ने कहा कि अध्ययन में 11 यूरोपीय देशों के 80 करोड़ से अधिक लोगों की संयुक्त आबादी के साथ-साथ ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, दक्षिण कोरिया और अमेरिका में संक्रमण की सही संख्या का अनुमान लगाया गया है. अध्ययन के सह-लेखक और एएनयू के प्रफेसर क्वेंटिन ग्राफटन ने कहा कि हमने पाया कि कई देशों में संक्रमण की पुष्टि किए गए मामलों की तुलना में संक्रमण बहुत अधिक है. उन्होंने उदाहरण के लिए ब्रिटेन का जिक्र किया और कहा कि हमारे विश्लेषण में ब्रिटेन में 54 लाख से अधिक लोग यानी आठ प्रतिशत आबादी कोरोना वायरस से संक्रमित है या पहले संक्रमित हो चुकी है